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शीतकालीन सत्र : बिहार जीएसटी संशोधन से संबंधित विधेयक पास
संशोधन को लागू करने के लिए विधानसभा के पटल पर रखा गया, छोटे व्यापारियों की बढ़ीं सुविधाएं पटना : जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों और आम लोगों को ध्यान में रखते हुए इनकी सुविधा के लिए कई बदलाव बीच-बीच में किये गये हैं. इसके तहत हाल में केंद्र सरकार ने जीएसटी विधेयक में कुछ […]
संशोधन को लागू करने के लिए विधानसभा के पटल पर रखा गया, छोटे व्यापारियों की बढ़ीं सुविधाएं
पटना : जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों और आम लोगों को ध्यान में रखते हुए इनकी सुविधा के लिए कई बदलाव बीच-बीच में किये गये हैं. इसके तहत हाल में केंद्र सरकार ने जीएसटी विधेयक में कुछ अहम संशोधन किये हैं.
इन संशोधन को राज्य में लागू करने के लिए बिहार विधानसभा के पटल पर बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2018 को पेश करते हुए इसे पास करवा लिया गया. इसके पास होने से राज्य के व्यापारियों को कई स्तर पर सुविधाएं मिल गयी हैं.
इसमें छोटे व्यापारियों को अधिक फायदा मिलेगा. कंपोजिट डीलर या एक मुश्त टैक्स देने वाले व्यापारियों की सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ कर दी गयी है. यानी अब जिन व्यापारियों का सालाना डेढ़ करोड़ का टर्न ओवर है, वह भी कंपोजिट टैक्स स्कीम के तहत एक मुश्त टैक्स देकर लाभ ले सकते हैं. एक मुश्त टैक्स देने वालों को किसी तरह की खाता-बही की देखभाल करने का झंझट नहीं होती है.
इसके तहत टैक्स जमा करने की जो नयी दरें लागू की गयी हैं, उसमें निर्माण सेक्टर वालों के लिए दो प्रतिशत जीएसटी, रेस्टोरेंट वालों के लिए पांच प्रतिशत, अन्य सभी प्रकार के व्यापारियों के लिए एक प्रतिशत जीएसटी का निर्धारण किया गया है. राज्य में कंपोजिट डीलरों की संख्या वर्तमान में 97 हजार 448 है. कंपाउंडिंग व्यवसायियों में ईंट-भट्ठे वाले शामिल नहीं हैं.
20 मिनट चली दूसरी पाली विधानसभा की दूसरी पाली की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद जैसे ही शुरू हुई. विपक्षी सदस्य नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अब्दुल बारी सिद्दीकी के नेतृत्व में खड़े हो गये और कार्यवाही स्थगित कर विधि-व्यवस्था के मसले पर राज्य सरकार को जवाब देने की मांग करने लगे. इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य बेल में आ गये और सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी शुरू कर दी. इनके निशाने पर मुख्य रूप से डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी रहे.
इस दौरान उन पर कई तरह के आरोप लगाये गये. इस तमाम शोर-शराबे के बीच में डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री ने बिहार माल और सेवा कर (संशोधित) विधेयक, 2018 को सदन के पटल पर रखते हुए इसे पास करवाया. शोर-शराबा शांत नहीं होता देख अध्यक्ष ने दूसरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
अब डेढ़ करोड़ सालाना टर्नओवर वाले व्यापारी भी ले सकते हैं कंपोजिट डीलर स्कीम का लाभ
किये गये अन्य अहम संशोधन
बिना निबंधन वाले सप्लायर से माल या सेवा लेने वाले करदाताओं को रिवर्स चार्ज के आधार पर भुगतान करने की व्यवस्था स्थगित कर दी गयी है.
अब राज्य के व्यवसायी एक पैन नंबर पर एक से ज्यादा जीएसटी संख्या निबंधन करवा कर प्राप्त कर सकते हैं. जब तक किसी व्यापारी का निबंधन रद्द नहीं होता, तब तक उन्हें जीएसटी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा. चाहे वह जीरो रिटर्न ही क्यों नहीं फाइल करे.इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रणाली में बदलाव करने के लिए जरूरी संशोधन किये गये हैं.
किसी माल को जब्त करने के बाद अब सात दिन के बजाय 14 दिन में वसूली की कार्यवाई की जायेगी. कार्यवाई करने की समय-सीमा दोगुनी कर दी गयी है.
अपील दायर करने के लिए विवाद में शामिल बकाया कर की अधिकतम राशि की सीमा 25 करोड़ कर दी गयी है. करदाता के लिए जमा करने वाली अधिकतम राशि को 25 करोड़ निर्धारित कर दी गयी है.
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