पटना : मुजफ्फरपुर आश्रय गृह कांड में राज्य सरकार की लापरवाही के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद की अगुवाई में विपक्ष ने राजभवन मार्च निकाला. शाम पांच बजे सदन की कार्यवाही समाप्त होते ही राजद, कांग्रेस, हम व वाम दलों के विधायक-विधान पार्षद पैदल राजभवन कूच कर गये. मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी शामिल रहे.
देर शाम नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस के विजय शंकर दूबे और माले के महबूब आलम ने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपा और राज्य सरकार के अविलंब बर्खास्तगी की मांग की. उन्होंने कहा कि जो सरकार बेसहारा बच्चे-बच्चियों एवं महिलाओं की इज्जत-आबरू एवं जान-माल की रक्षा नहीं कर सकती एवं अपराधियों को संरक्षण देने जैसे असंवैधानिक कार्य में लगी रहती है, उसे बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
तेजस्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा संचालित अन्य 16 आश्रय गृहों की भी सीबीआई जांच कराने का आदेश देकर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार एवं इनके प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं रह गया है. सरकार का कर्तव्य है कि अपराधियों को दंडित करे, लेकिन सरकार स्वयं अपराधियों को बचाने का काम कर रही है. इससे स्पष्ट है कि सरकार को राज्य के नागरिकों को न्याय दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं रह गयी है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को न तो देश के कानून की और न ही संविधान का कोई सम्मान है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही जांच में भी बिहार सरकार एवं जांच एजेंसियां नापाक खेल एवं अनाथ बच्चियों से दुष्कर्म एवं बर्बरता को ढंकती रही. ऐसी अराजक एवं असंवैधानिक सरकार के सत्ता में बने रहने से राज्य के नागरिक सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे.