एमडी व एक निदेशक की नियुक्ति में लटका मेट्रो कॉरपोरेशन का रजिस्ट्रेशन

पटना : तेज रफ्तार से दौड़ रही पटना मेट्रो रेल परियोजना की रफ्तार पर हल्का ब्रेक लगा है. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने 25 सितंबर को ही पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) लिमिटेड के गठन की मंजूरी दे दी थी, लेकिन 67 दिन बाद भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. पीएमआरसी के बोर्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2018 3:24 AM
पटना : तेज रफ्तार से दौड़ रही पटना मेट्रो रेल परियोजना की रफ्तार पर हल्का ब्रेक लगा है. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने 25 सितंबर को ही पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) लिमिटेड के गठन की मंजूरी दे दी थी, लेकिन 67 दिन बाद भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. पीएमआरसी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में एक चेयरमैन, एक एमडी व पांच निदेशकों का प्रावधान है, लेकिन एमडी और निदेशक की नियुक्ति नहीं होने से रजिस्ट्रेशन लटका है.
2000 करोड़ अधिकृत पूंजी की कंपनी है पीएमआरसी
पीएमआरसी 2000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी की कंपनी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद को इसका चेयरमैन मनोनीत किया गया है. इसके पांच निदेशकों में नगर विकास एवं आवास विभाग से विशेष सचिव संजय दयाल, वित्त विभाग से सचिव (व्यय) राहुल सिंह, पथ निर्माण विभाग से विशेष सचिव दिवेश सेहरा और परिवहन विभाग से संयुक्त सचिव अनंत नारायण को निदेशक के लिए नामित किया गया है. लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर होने वाली प्रबंध निदेशक की नियुक्ति व ऊर्जा विभाग से एक निदेशक का नाम अब तक विभाग को नहीं मिला है.
पीएमआरसी के जिम्मे कई काम निर्धारित
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय से पीएमआरसी के रजिस्ट्रेशन के लिए बोर्ड ऑफ गवर्निंग के सभी सदस्यों का हस्ताक्षर अनिवार्य है. कंपनी अधिसूचित होते ही इसके माध्यम से अंतरिम कंसल्टेंट, डिटेल डिजाइन कंसल्टेंट व जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति के साथ ही भू-अर्जन संबंधित मुद्दों पर काम शुरू हो जायेगा. केंद्र की मंजूरी के बाद मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के अनुसार ज्वाइंट एसपीवी का भी गठन होना है, जिसमें चेयरमैन बदल कर भारत सरकार के होंगे जबकि कंपनी में पांच नये केंद्रीय निदेशक भी जुड़ेंगे.
पटना मेट्रो की रफ्तार पर लगा हल्का ब्रेक
दो महीने बाद भी ऊर्जा विभाग से नहीं मिला निदेशक का नाम
केंद्र की मंजूरी के बाद लगेगा समय
दरअसल पटना मेट्रो परियोजना का संचालन एसपीवी इक्विटी-डेब्ट मॉडल पर होना है. परियोजना पर खर्च होने वाली कुल राशि 17,887.56 करोड़ में से 7437.48 करोड़ रुपये का बोझ राज्य सरकार उठायेगी. इसके साथ ही 7837.56 करोड़ रुपये का कर्ज एडीबी, जीका या बाहरी स्रोतों से कर्ज के तौर पर लिया जायेगा. केंद्र सरकार महज 2612.52 करोड़ ही देगी. ऐसे में केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद राज्य सरकार को बहुत वित्तीय मदद नहीं मिलने वाली. हां, ऋण हासिल करने का रास्ता जरूर खुल जायेगा.
मुख्यमंत्री को भेजा गया प्रस्ताव
पीएमआरसी में एमडी की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज दिया गया है. उम्मीद है कि शीघ्र ही इस विषय पर निर्णय लेकर एमडी की तैनाती कर दी जायेगी.
सुरेश कुमार शर्मा, मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग

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