जदयू ने 25 सूत्री मांग पत्र को लेकर कुशवाहा का मजाक उड़ाया
पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नये रुख पर रविवार को व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. उपेंद्र कुशवाहा ने नया रुख अपनाते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों हुए कथित अपमान के लिए ‘‘माफ करो और भूल जाओ’ के लिए तैयार होने के साथ […]
पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नये रुख पर रविवार को व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. उपेंद्र कुशवाहा ने नया रुख अपनाते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों हुए कथित अपमान के लिए ‘‘माफ करो और भूल जाओ’ के लिए तैयार होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में राजग के भीतर सीटों के ‘‘सम्मानजनक’ बंटवारे पर अपनी जिद छोड़ने के लिए तैयार है.
कुशवाहा ने इस संबंध में शनिवार की रात को एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत के दौरान यह बयान दिया था. कुशवाहा ने सीटों के बंटवारे को लेकर 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. उनके इस अल्टीमेटम पर भाजपा के रूखे व्यवहार के मद्देनजर उनके राजग छोड़ने की घोषणा की अटकलें है. उन्होंने कहा कि यदि बिहार की सरकार मेरे 25 सूत्री मांग पत्र पर काम किये जाने का आश्वासन देती है तो मैं सब कुछ माफ करने और भूलने के लिए तैयार हूं.
मीडिया से प्राप्त किये गये मांग पत्र की प्रति लहराते हुए जदयू के विधानपार्षद एवं प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कम से कम केंद्रीय मंत्री यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरत सकते थे कि मसौदा ‘‘वर्तनी की गलतियों और व्याकरण संबंधी त्रुटियों’ से भरा नहीं हो. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार शिक्षा के दो मॉडल का गवाह रहा है. एक लालू प्रसाद के चरवाहा विद्यालय था. एक अन्य मॉडल नीतीश कुमार का है जिन्होंने आईआईटी पटना, नालंदा विश्वविद्यालय और चाणक्य लॉ कॉलेज जैसे संस्थानों को बनाया. उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया है कि वह किस मॉडल के लिए खड़े है.’
नीरज कुमार ने हैरानी जतायी कि आरएलएसपी प्रमुख ने केंद्रीय मंत्री के रूप में बिहार में शिक्षा परिदृश्य में सुधार करने के लिए क्या किया था. उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा राज्य की सूची में नहीं है बल्कि समवर्ती सूची में है. वह यह कह कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं कि यह विशेष रूप से राज्य का एक मामला है.’