पटना : उपयोगिता प्रमाणपत्र के पेच में फंसी राशि

पटना : केंद्र व राज्य सरकारों से प्रतिवर्ष करोड़ों नगर निगम को आवंटित करती है, ताकि निगम क्षेत्र में नगरीय सुविधा विकसित हो सके. वहीं, राज्य सरकार सड़क, नाला, जलापूर्ति, पेंशन भुगतान आदि मद में राशि आवंटित करती है. इस आवंटित राशि को खर्च करने के बाद निगम प्रशासन को प्रतिवर्ष नगर आवास विकास विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2018 9:20 AM
पटना : केंद्र व राज्य सरकारों से प्रतिवर्ष करोड़ों नगर निगम को आवंटित करती है, ताकि निगम क्षेत्र में नगरीय सुविधा विकसित हो सके. वहीं, राज्य सरकार सड़क, नाला, जलापूर्ति, पेंशन भुगतान आदि मद में राशि आवंटित करती है.
इस आवंटित राशि को खर्च करने के बाद निगम प्रशासन को प्रतिवर्ष नगर आवास विकास विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है. लेकिन, नगर निगम प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2010-11 से ही उपयोगिता प्रमाण पत्र देना भूल गये है, जो वित्तीय वर्ष 2016-17 तक जारी है.
स्थिति यह है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र के पेच में निगम के करोड़ रुपये का आवंटन फंसा है. पिछले छह वित्तीय वर्ष में पांच सौ करोड़ से अधिक का उपयोगिता प्रमाण पत्र रुका था. उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने पर विभाग सख्त हुआ, तो निगम प्रशासन ने 150 करोड़ की उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराया. इससे विभाग से कुछ राशि आवंटित की गयी.
हालांकि, फिर अनुदान की राशि रुकी हुई है. स्थिति यह है कि निगम में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं होने से दो सौ करोड़ रुपये अनुदान राशि रुकी है.

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