बिहार में केंद्रीय विद्यालय की भूमि के लिए 8 और 9 दिसंबर को उपवास पर बैठेंगे कुशवाहा

पटना : केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में नीतीश के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए सोमवार को घोषणा की कि प्रदेश में दो केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन आवंटित करने के वास्ते लिए वे एक दिन के उपवास पर बैठेंगे. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2018 9:05 PM

पटना : केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में नीतीश के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए सोमवार को घोषणा की कि प्रदेश में दो केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन आवंटित करने के वास्ते लिए वे एक दिन के उपवास पर बैठेंगे. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि बिहार के औरंगाबाद जिले के देवकुंड और नवादा जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए जमीन हस्तांतरण संबंधी कुछ कागजी कार्रवाई अबतक पूरी नहीं की जा सकी है.

कुशवाहा ने कहा कि दोनों स्थानों पर केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के आलोक में राज्य सरकार से भूमि के हस्तांतरण के लिए क्रमश: 8 और नौ दिसंबर को एक दिन के उपवास पर बैठेंगे. उन्होंने कहा ‘बिहार में कभी लालू जी का चरवाहा मॉडल हुआ करता था और आज नीतीश कुमार जी का नालंदा मॉडल है. पर, यह नालंदा मॉडल क्या है, उनकी समझ से परे है. बिहार की जनता उनसे जानना चाहती है कि क्या यही है नालंदा मॉडल जहां के शिक्षकों को अपने वेतन के लिए प्रखंड कार्यालय से उच्चतम न्यायालय तक की दौर लगानी पड़ती है.

रालोसपा प्रमुख ने पूछा ‘क्या यही है नालंदा मॉडल जहां सरकारी विद्यालयों में शिक्षक पढ़ाई की जगह खिचड़ी (बच्चों के लिए मध्याहन भोजन) बांटने के काम में लगे रहते हैं. क्या यही है नालंदा मॉडल जहां 0 बटा 100 अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को टाॅपर घोषित कर दिया जाता है. मुख्यमंत्री जी अगर यही नालंदा मॉडल है तो इसे ध्वस्त होना चाहिए.” उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीइआरटी ने बिहार में अपना एक क्षेत्रीय संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए बार बार आग्रह के बावजूद राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध नहीं कराया.

Next Article

Exit mobile version