दानापुर : अनाथ रजनी को स्पेन के दंपति ने अपनाया
15 मार्च, 2016 को राजेंद्रनगर टर्मिनल पर लावारिस मिली थी दानापुर : अक्सर जो बच्चे लावारिस मिलते हैं या फिर समाज के डर से त्याग दिये जाते हैं, उन्हें गुमनामी की जिंदगी जीने या मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. इन बेसहारा बच्चों को सरकार आसरा देने के लिए अनाथ आश्रय चलाती है ताकि […]
15 मार्च, 2016 को राजेंद्रनगर टर्मिनल पर लावारिस मिली थी
दानापुर : अक्सर जो बच्चे लावारिस मिलते हैं या फिर समाज के डर से त्याग दिये जाते हैं, उन्हें गुमनामी की जिंदगी जीने या मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. इन बेसहारा बच्चों को सरकार आसरा देने के लिए अनाथ आश्रय चलाती है ताकि इन मासूमों को आशियाना मयस्सर हो सके.
ऐसी ही एक अनाथ बच्ची की किस्मत का सितारा आफताब बनकर चमकने लगा है. तीन साल पहले अपनों से बिछड़कर अनाथ हुई रजनी पर किस्मत मेहरबान हुई है. उसे दोबारा मां-पिता की गोद मिली है. इस बार उसके माता-पिता स्पेन के दंपति बने हैं, जिन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी कर उसे गोद लिया और अपने साथ सात समुंदर पार ले गये. अब स्पेन में परवरिश पायेगी दानापुर की रजनी.
आनंद बाजार स्थित ‘नारी गुंजन सृजनी दत्तक’ में सोमवार को उत्सव जैसा माहौल था.इसकी वजह थी सात साल सात माह की रजनी. उसे गोद लेने स्पेन के रोबेटो और उनकी पत्नी एलेना और उनकी पुत्री आईनोवा खुद यहां आये. रोबेटो स्पेन में अपनी बिजनेस चलाते हैं. उनको एक पुत्री है, जो अपनी नयी बहन को लेने आयी थी.
‘सृजनी दत्तक’ की सचिव पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि रजनी 15 मार्च,2016 को पटना के राजेंद्रनगर टर्मिनल पर लावारिस मिली थी.रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्ची को ‘प्रयास भारती’ को सौंप दिया था. ‘प्रयास भारती’ द्वारा 16सिंतबर,2016 को रजनी ‘सृजनी दत्तक’ के सुपुर्द की गयी थी. सुश्री वर्गीज ने कहा कि रजनी को स्पेन के दंपति ने गोद लेने की इच्छा जतायी थी.
रजनी का पासपोर्ट बनवाया गया. सभी प्रक्रिया पूरी होने पर दंपति को यहां बुलाया गया. दंपति अपने साथ दुभाषिये को लेकर आये थे. इस मौके पर एसडीओ अंशुल कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई पटना के सहायक निदेशक दिलीप कुमार कामत, डाॅ जी हसन व संस्था की समन्वयक सविता कुमारी , सोहन कुमार आदि मौजूद थे.