PU छात्र संघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट मेरी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी : प्रशांत किशोर

पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन सोमवार की देर शाम को जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की इस विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात का छात्र संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध किया है. वहीं, प्रशांत किशोर ने बिना किसी का नाम लिएइसमामलेको लेकर भाजपा पर हमला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2018 4:22 PM

पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन सोमवार की देर शाम को जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की इस विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात का छात्र संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध किया है. वहीं, प्रशांत किशोर ने बिना किसी का नाम लिएइसमामलेको लेकर भाजपा पर हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट मेरी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी.

https://twitter.com/PrashantKishor/status/1069660258295934976?ref_src=twsrc%5Etfw

पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से प्रशांत किशोर ने कल देर शाम उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने जमकर विरोध किया और प्रशांत किशोर के काफिले में शामिल वाहनों पर पथराव किया. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस ने एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था. इसको लेकर एबीवीपी की ओर से आज आयोजित धरना में शामिल हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से पांच दिसंबर को होने जा रहे पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के निष्पक्ष और पारदर्शी रहने तथा कानून तोड़ने को लेकर प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

उधर, बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि प्रशांत किशोर की मुलाकात का छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है, पर जदयू के साथ बिहार में सत्ता में शामिल भाजपा को यह तय करना है कि प्रदेश में प्रशांत किशोर की चलेगी या सरकार की चलेगी. वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रशांत किशोर का बचाव करते हुए कहा कि वे छात्र संघ चुनाव से जुड़े मामले को लेकर नहीं, बल्कि कुलपति से अनुमति लेकर उस विश्वविद्यालय परिसर में प्रस्तावित भूकंप प्रबंधन केंद्र को लेकर बातचीत करने गये थे.

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