पटना : बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर जनवरी में होगी जन सुनवाई
पटना : प्रदेश में बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर अगले महीने जनवरी 2019 में आमलोगों की राय लेने के लिए हर प्रमंडल में जन सुनवाई शिविर लगाये जायेंगे. इसके साथ विज्ञापन निकालकर आमलोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे जायेंगे. इन सभी सुझावों और बिजली कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार के बाद मार्च 2019 तक […]
पटना : प्रदेश में बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर अगले महीने जनवरी 2019 में आमलोगों की राय लेने के लिए हर प्रमंडल में जन सुनवाई शिविर लगाये जायेंगे. इसके साथ विज्ञापन निकालकर आमलोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे जायेंगे. इन सभी सुझावों और बिजली कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार के बाद मार्च 2019 तक बिहार विद्युत विनियामक आयोग उचित निर्णय लेगा. बिजली दर में बढ़ोतरी का फैसला विनियामक आयोग के निर्णय और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान पर निर्भर करेगा.
दरअसल, सोमवार देर शाम बिजली कंपनियों ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को बिजली की दर में दो से पांच फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव संबंधी याचिका दिया था. इसमें ट्रांसमिशन के लिए बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर शामिल हैं. वहीं, उपभोक्ताओं से जुड़ी बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अलग-अलग याचिका दी है.
क्यों हुई दर में बढ़ोतरी की मांग
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंची है. इसके नेटवर्क का विस्तार किया गया है. बिजली की उपलब्धता और इसकी खपत भी बढ़ी है. इस समय प्रतिदिन करीब 4500-5000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है.
अगले साल यह बढ़कर करीब 6000 मेगावाट प्रतिदिन होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2019-20 में बिजली व्यवस्था में अन्य सुधार पर भी खर्च होने की संभावना है. इसलिए कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग वृद्धि का प्रस्ताव दिया है.
कौन-सी हैं नयी श्रेणियां
शहरों की तर्ज पर अब गांवों के लिए भी स्ट्रीट लाइट की श्रेणी बनायी गयी है. पंचायतों या किसी और स्रोत से स्ट्रीट लाइट का शुल्क वसूला जायेगा. इसके अलावा नल-जल योजना के तहत गांवों में भी पेयजल के लिए एक नयी श्रेणी बनायी गयी है. वहीं, किसानों को अब तक खेती के लिए कनेक्शन में 400 रुपये फिक्सड चार्ज देने पड़ते थे, नये प्रस्ताव में इसे हटा दिया गया है.