पटना : ”कॉरपोरेट लुक” में दिखेंगे अब प्रदेश के थाने, कई सुविधाएं मिलेंगी

राजेश कुमार सिंह पटना : बिहार के थानों की सूरत किसी से छिपी नहीं है. कहीं जीर्ण-शीर्ण बैरक हैं तो कहीं शौचालय नहीं है. है भी तो उपयोग लायक नहीं बचा है.इसी तरह, जब से पुलिस विभाग में महिलाओं की बड़ी संख्या में भर्ती हुई है, उनके लिए अलग से शौचालय से लेकर बैरक तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 8:48 AM
राजेश कुमार सिंह
पटना : बिहार के थानों की सूरत किसी से छिपी नहीं है. कहीं जीर्ण-शीर्ण बैरक हैं तो कहीं शौचालय नहीं है. है भी तो उपयोग लायक नहीं बचा है.इसी तरह, जब से पुलिस विभाग में महिलाओं की बड़ी संख्या में भर्ती हुई है, उनके लिए अलग से शौचालय से लेकर बैरक तक का निर्माण जरूरी हो गया है. हर थाने में महिलाओं की तैनाती तो कर दी गयी है, अब सुविधाएं जुटाने पर मंथन शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बाबत पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों के साथ चर्चा की तो सकारात्मक पहल भी शुरू हुई. सरकार की मंशा है कि बिहार के हर थाने में मूलभूत सुविधाएं तो मुहैया करायी ही जाएं, सूरत भी बदली जाये. मसलन, महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग बैरक का निर्माण तो कराया ही जायेगा, शौचालय, पेयजल तक की व्यवस्था की जायेगी.
इसके अलावा आगंतुक कक्ष भी बनवाया जायेगा, ताकि बाहर से आने वालों को ‘कॉरपोरेट कल्चर’ का एहसास हो. इससे फरियादियों के मन में भी पुलिस के प्रति सकारात्मक भाव आयेंगे. इन्हीं सब बिंदुओं पर काम करने में आला अफसर जुट गये हैं. सबसे पहले प्रदेश के सभी थानों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय ने तलब की है. थानों में उपलब्ध सुविधाओं और जरूरतों की जानकारी मांगी गयी है.
जरूरत के हिसाब से होगा िनर्माण
पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिन थानों में अपनी जमीन है, वहां निर्माण के लिए कोई रुकावट नहीं आयेगी. ऐसे थानों में जरूरत के हिसाब से निर्माण कार्य कराये जायेंगे और सुविधाएं मुहैया होंगी.
खास बात यह है कि इस काम को प्राथमिकता के तौर पर कराया जाना है. इसलिए किसी भी स्तर पर लेटलतीफी की गुंजाइश भी नहीं होगी. सरकार का मानना है कि थानों में अगर जरूरत की सभी सुविधाएं होंगी तो इससे कार्य क्षमता भी बढ़ेगी. कार्यों के निष्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा.
बता दें कि वर्तमान में पुलिस विभाग में महिलाओं की काफी भर्ती हुई है. इसलिए थाना स्तर पर महिलाओं को ध्यान में रखकर सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी भी हो गया है. सभी थानों से रिपोर्ट आने के बाद स्टीमेट बनाकर राशि की स्वीकृति ली जायेगी. इसके बाद काम शुरू हो जायेगा.

Next Article

Exit mobile version