पटना : पांच घंटे ‘क्रूर°’ जाम में फंसी राजधानी, बेली रोड ठप
अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या के खिलाफ सड़क पर उतरे पटना हाईकोर्ट के वकील पटना : बुधवार को दोपहर ढाई बजे से सात बजे के बाद तक राजधानी पटना जाम में फंसी रही. दरअसल जितेंद्र कुमार की हत्या के बाद आक्रोशित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने शहर की ‘लाइफ लाइन’ मानी जाने वाली बेली रोड को पटना […]
अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या के खिलाफ सड़क पर उतरे पटना हाईकोर्ट के वकील
पटना : बुधवार को दोपहर ढाई बजे से सात बजे के बाद तक राजधानी पटना जाम में फंसी रही. दरअसल जितेंद्र कुमार की हत्या के बाद आक्रोशित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने शहर की ‘लाइफ लाइन’ मानी जाने वाली बेली रोड को पटना हाईकोर्ट के सामने ठप कर दिया. हजारों जिंदगियों को इसका अनुभव लंबे समय तक याद रहेगा. खास कर उन बच्चों को जो जाम में फंसे सहमे से दिखे. पुलिस अंकल की मदद से अपने पापा को फोन लगवा कर वे बच्चे घर तक पहुंचे. जाम में मरीजों का दर्द सहज समझा जा सकता है.
जाम के चलते करीब दोपहर दो बजे से सात बजे के बीच की करीब एक दर्जन फ्लाइटों के करीब चौबीस यात्रियों की फ्लाइट छूट गयी. इसी तरह सैकड़ों यात्रियों की ट्रेनें और बसें भी छूटीं. सिटी ट्रांसपोर्ट की रीढ़ माने जाने वाले बेली रोड पर लगा यह जाम पिछले कई सालों के दरम्यान लगने वाला सबसे लंबा जाम था. जाम लंबा खिंचा, इस बीच कई स्कूलों की छुट्टी हुई, तो बेली रोड से गुजरने वाली स्कूली बसें और कई एंबुलेंस भी जाम में फंस गयीं. करीब 5 घंटे से अधिक समय तक शहर के तमाम प्रमुख मार्गों पर वाहनों की लंबी लाइन लगी थी. जाम के चलते हजारों लोग खीज, बेबसी और गुस्से में बड़बड़ाते दिखे.
पूरे शहर की रुक गयी रफ्तार
अधिवक्ताओं द्वारा पटना उच्च न्यायालय के सामने किये गये सड़क जाम और प्रदर्शन के कारण बेली रोड पर जाम की स्थिति हो गयी. तीन बजे के बाद स्थिति और भीषण होने लगी. इसी बीच पुलिस ने आयकर गोलंबर जाने वाले और विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों को दूसरे रूट में डायवर्ट कर दिया. लेकिन अचानक ही दूसरे रूट पर वाहनों की संख्या में काफी इजाफा हो गया. वहां भी जाम की स्थिति होने लगी.
डाकबंगला की ओर से आने वाले वाहनों को हड़ताली मोड़ की ओर जाने के लिए आर ब्लॉक की ओर डायवर्ट किया. लेकिन गाड़ियों की संख्या इतनी हो गयी थी कि आर ब्लॉक से लेकर मिलर स्कूल तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इसका नतीजा यह रहा कि आर ब्लॉक गोलंबर पर पूरी तरह जाम लग गया. मीठापुर, करबिगहिया, स्टेशन की ओर से आने वाले वाहन मीठापुर आरओबी पर आ कर रुकने लगे और मीठापुर आरओबी पर भी दोनों फ्लैंकों में जाम लग गया. इसका असर बुद्ध मार्ग में भी देखने को मिला और शहर की प्रमुख सड़कों में शामिल डाकबंगला रोड, फ्रेजर रोड, एक्जीबिशन रोड, गांधी मैदान, छज्जूबाग इलाके में वाहनों की लंबी लाइन लग गयी. इसके साथ ही पटना-दानापुर सड़क पर दूजरा से लेकर गांधी मैदान तक भी वाहनों की लंबी लाइन लग गयी और जाम की स्थिति हो गयी.
चलती रही बातचीत और बढ़ता गया जाम
जाम की सूचना मिलने पर समझाने पहुंची कोतवाली पुलिस से अधिवक्ताओं ने बहस की और जाम को हटाने से इन्कार कर दिया. वकीलों का कहना था इस घटना में शामिल अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाये. राज्य सरकार मृतक के परिवार को उचित मुआवजा तत्काल दे. साथ ही राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की दिशा में तुरंत कार्रवाई करें. शाम साढ़े सात बजे तक जाम रखा गया. इसके बाद वरीय अधिवक्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से बात की.
यही विरोध है तो बस कीजिए
प्रभात खबर ने जाम में फंसे कुछ लोगों से बात करने का प्रयास किया तो उनका गुस्सा और पीड़ा सामने आयी-
-महेंद्र कुमार जो काफी
गुस्से में थे. उनका कहना था कि दो घंटे से जाम में फंसा हूं. विरोध करने का नैतिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार को आज सड़क जाम कर रहे लोगों ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं. गली-गली में जाम लगा है. कोई देखने और सुनने वाला नहीं है.
-ठेला चालक शंकर कुमार का कहना था कि सर नौ बजे तक भी बोरिंग केनाल पहुंच पाऊंगा की नहीं यह भी मुश्किल है. जाम के कारण आज की कमाई मारी गयी. ढाई घंटे से इस रोड से उस रोड का चक्कर लगा रहा हूं. लेकिन जिधर जा रहा हूं. उधर ही जाम लगा है. ठेला -रिक्शे वाले को लोग बेवजह गाली दे रहे हैं. जाम में मेरी क्या गलती है.
-रवि सेन जो किसी काम से बेली रोड के लिए निकले थे. लेकिन वह समय पर नहीं पहुंच सके. इसके कारण वे काफी गुस्से थे. बेली रोड से श्रीकृष्णा नगर पहुंचने में तीन घंटे लग चुके हैं. शहर में कानून नाम को कोई चीज नहीं रह गयी है. जिसको जब मन आता है, लोग सड़क पर उतर कर जाम लगा देते हैं. पुलिस सड़क पर जाम कर रहे लोगों के सामने नतमस्तक नजर आती है.