पटना : केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमले के बाद अब पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर नाराजगी जतायी है. वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
जानकारी के मुताबिक, पटना हाईकोर्ट ने बिहार के हाईस्कूलों में शिक्षकों की कमी और मिडिल स्कूल के अपग्रेडेशन के मामले में राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर नाराजगी जतायी है. अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षा के नाम पर क्यों मजाक बना रखा है? सरकार स्कूलों को बंद क्यों नहीं कर कर दिया जाता? हाईस्कूल में शिक्षकों के बिना बच्चे कैसे पढ़ेंगे. वह पढ़ने के लिए कहां जायेंगे? अदालत ने सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि तय कर दी.
25 सूत्री मांगों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा राज्य सरकार पर साधते रहे हैं निशाना
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर लगातार हमले करते आ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने पश्चिमी चंपारण में आयोजित चिंतन शिविर में भी बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने राज्य के वर्तमान मॉडल पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा था कि स्कूलों में योग्य शिक्षकों की कमी है. स्नातक पास छात्र भी अच्छे से पत्राचार नहीं कर पाते हैं. 25 सूत्री मांगों को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में रखनेवाले उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि 100 में शून्य लानेवाला भी टॉपर हो जाता है. राज्य में प्रयोगशाला की परीक्षा आज भी हो रही है, लेकिन छात्र परखनली को देखा भी नहीं है. ठीक से पहचान तक नहीं पाते. अगर यही मॉडल शिक्षा का रहेगा, तो आंबेडकर का सपना कभी साकार नहीं हो सकता. शिक्षा में अगर सुधार नहीं हुआ, तो हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी बरबाद होती रहेगी.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बोला हमला
राजद नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने हाईकोर्ट की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य में खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया है.
पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा के नाम पर क्यों मजाक बना रखा है? सरकार स्कूलों को बंद ही क्यों नहीं कर देती? शिक्षकों के बिना बच्चे पढ़ने कहां जाएंगे?
नीतीश जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाप्त कर दी है लेकिन फिर भी बहार है। है ना चाचा?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 7, 2018