केंद्रीय विद्यालयों के लिए जमीन को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ देवकुंड में उपवास पर बैठे उपेंद्र कुशवाहा

पटना : केद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार की शिक्षा नीति को लेकर आज उपवास पर बैठ गये हैं. उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है. वहीं, पार्टी ने ट्वीट ने राज्य सरकार को हठी करार देते हुए जनता से औरंगाबाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2018 10:30 AM

पटना : केद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार की शिक्षा नीति को लेकर आज उपवास पर बैठ गये हैं. उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है. वहीं, पार्टी ने ट्वीट ने राज्य सरकार को हठी करार देते हुए जनता से औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड आने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि एक तरफ बिहार की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सरकारी विद्यालय की कक्षा का वर्गीकरण जातिगत है और दूसरी तरफ केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन हस्तांतरण की मनाही….!क्या यही शैक्षणिक विकास का पैमाना है ? आखिर कैसे पढ़ेगा, कैसे बढ़ेगा बिहार ?

जानकारी के मुताबिक, एनडीए में नाराज चल रहे केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति के बावजूद केंद्रीय विद्यालय के लिए बिहार सरकार द्वारा जमीन मुहैया नहीं कराये जाने को लेकर शनिवार को उपवास पर बैठ गये. वह शनिवार को औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड में उपवास पर बैठे. जबकि, रविवार को नवादा में उपवास में बैठेंगे. उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है. वहीं, पार्टी ने ट्वीट ने राज्य सरकार को हठी करार देते हुए जनता से औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड आने की अपील की है. इससे पहले भी वह बिहार में केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना में राज्य सरकार पर सहयोग नहीं देने का आरोप लगा चुके हैं.

केंद्रीय मंत्री ने बिहार में शिक्षा सुधार कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री से 25 सूत्री मांग पूरी करने की अपील की है. बिहार में शिक्षा सुधार को लेकर उन्होंने कहा था कि शिक्षा सुधार को लेकर बिहार सरकार मेरी मांग मान ले, तो सीट शेयरिंग और ‘नीच’ वाले बयान को भी जनहित में भूलने को तैयार हैं. उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्रीय विद्यालय के लिए मात्र दो प्रस्ताव दिये गये. औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र को भेजे गये प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने जमीन उपलब्ध नहीं करायी. उन्होंने बिहार सरकार को अपनी 25 सूत्री मांगों को लेकर कहा था कि सात दिसंबर तक सरकार ने जमीन हस्तांतरण की घोषणा नहीं की, तो वह आठ को औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड स्थित देव में आठ दिसंबर को उपवास पर बैठेंगे.

Next Article

Exit mobile version