पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सांसद राम कुमार शर्मा जो कि पूर्व में राजग छोड़ने का विरोध कर रहे थे, अब अपनी पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के राजग नेतृत्व के खिलाफ आक्रामक रुख का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि अगर समुचित भागीदारी नहीं मिलती है तो गठबंधन में बने रहने का क्या औचित्य है.
हाल ही में शर्मा ने कुशवाहा के राजग नेतृत्व खासकर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ उनके कड़े रुख को अस्वीकार कर दिया था. सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से सांसद राम कुमार शर्मा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि किसी को भी ऐसे गठबंधन में नहीं रहना चाहिए जहां समुचित भागीदारी और सम्मान नहीं मिलता. पूर्वी चंपारण में हाल में हुए रालोसपा के चिंतन शिविर में अनुपस्थित रहे शर्मा से राजद, कांग्रेस और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा वाले "महागठबंधन" में उनकी पार्टी के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इस संबंध में निर्णय लेने के लिए पार्टी द्वारा अधिकृत किये गये हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से नाराज चल रहे रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने राजग में सीट साझा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से समय नहीं मिलने की ओर इशारा करते हुए और नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए गत छह दिसंबर को कहा था कि ‘याचना नहीं अब रण होगा’. रालोसपा के इस चिंतन शिविर में इस दल के दोनों विधायकों ललन पासवान और सुधांशु शेखर तथा सांसद राम कुमार शर्मा जो कि राजग के बाहर जाने का विरोध विरोध कर रहे हैं, अनुपस्थित रहे थे.