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पटना : नियमों में फंसी पुलिस में बहाली, दांव पर लाखों का भविष्य

पटना : बिहार पुलिस की बहाली प्रक्रिया कोर्ट और नियमों में ऐसी फंसी है कि राज्य के दस लाख से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है. पुलिस की वर्दी पहनने को बेताब महिला और पुरुष अभ्यर्थी माता-पिता बन गये, लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. सबसे अधिक बेचैन दाराेगा […]

पटना : बिहार पुलिस की बहाली प्रक्रिया कोर्ट और नियमों में ऐसी फंसी है कि राज्य के दस लाख से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है. पुलिस की वर्दी पहनने को बेताब महिला और पुरुष अभ्यर्थी माता-पिता बन गये, लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. सबसे अधिक बेचैन दाराेगा के 1717 पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी हैं. इन पदों के लिए चार लाख 28 हजार 200 युवाओं ने आवेदन किया था. प्रारंभिक और लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक परीक्षा भी हो चुकी थी.
अंतिम मेधा सूची जारी होती उससे पहले 31 अक्टूबर को कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. कुछ बिन्दुओं का निस्तारण करने के बाद ही परिणाम जारी करने के आदेश दिये गये हैं. आयोग इनका निस्तारण करने में व्यस्त है कि गर्भवती होने के कारण शारीरिक परीक्षा से वंचित महिला अभ्यर्थी भी कोर्ट चली गयी हैं. अधिकतर ने अलग-अलग याचिका दायर की है. इससे दारोगा बनने के एक कदम दूर युवाओं का भविष्य कानूनी दांव-पेंच उलझ गया है.
वहीं, 10 लाख से अधिक युवा सिपाही आैर फायरमैन के 11865 पदों पर दोबारा बहाली प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने मई में बहाली प्रक्रिया शुरू की थी. 25 नवंबर और दो दिसंबर को लिखित परीक्षा की तैयारी करा चुकी थी. 29 अक्टूबर को आठ लाख से अधिक अभ्यर्थियों के प्रवेशपत्र भी जारी कर दिये गये थे. ऐन वक्त पर गृह विभाग की रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने इस बहाली प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. अब यह भर्ती नये सिरे से होगी. इसके लिए दोबारा विज्ञापन निकाला जायेगा.
यह भर्ती अभी जारी
-आशु सहायक अवर निरीक्षक के 174 पदों के लिए छह सितंबर को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी हुआ, लेकिन अब तक मुख्य परीक्षा का कार्यक्रम वेबसाइट पर नहीं हुआ अपलोड
-मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के लिए 126 अवर निरीक्षक उत्पाद की बहाली को 20 जून को आवेदन मांगे गये, यह प्रक्रिया भी अभी अटकी है
-बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग में चालक नहीं है. सरकार ने सात चालकों की बहाली के लिए अधिसूचना जारी कर दी. केंद्रीय चयन पर्षद ने इसकी बहाली की प्रक्रिया शुरू नहीं की है.
अभ्यर्थी बोले
दाराेगा बहाली का अंतिम परिणाम पर रोक लगने से भविष्य दांव पर लग गया है. हमको उम्मीद थी कि जल्दी ही मैं सितारों वाली पुलिस की वर्दी पहन लूंगा.
विजय कुमार, अभ्यर्थी
गर्भवती होने के कारण हमारी शारीरिक परीक्षा नहीं ली गयी. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
लकी कुमारी, अभ्यर्थी
देश में सरकारी नौकरी का क्रेज है. हाथ में आई नौकरी जब कानूनी दांव पेंच में फंस जाती है, भर्ती का अंतिम परिणाम रुक जाता है तो अभ्यर्थी मानसिक तनाव में आ जाते हैं. इससे वह कोई और कार्य भी ठीक से नहीं कर पाते हैं. गर्भवती अभ्यर्थियों के गर्भस्थ शिशु पर भी प्रभाव पड़ता है. जिनके बच्चे छोटे हैं उनकी परवरिश भी प्रभावित होती है.
डॉ विवेक विशाल, मनोचिकित्सक, पटना

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