पटना : मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है. एनडीए के घटक दलों के नेताओं ने उनको अवसरवादी करार दिया है. पार्टी में असली-नकली की जंग छिड़ गयी है. रालोसपा के दोनों विधायक, ललन पासवान- सुधांशु शेखर कहा है कि कुशवाहा जब तक एनडीए का हिस्सा थे तब तक रालोसपा में थे. असली रालोसपा एनडीए के साथ है. रालोसपा से तीन सांसद, दो विधान सभा सदस्य और एक विधान पार्षद हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के साथ सीतामढ़ी के सांसद रामकुमार शर्मा ही साथ नजर आ रहे हैं. जबकि, जहानाबाद से सांसद डॉ अरुण कुमार, चिनारी से विधायक ललन पासवान, हरलाखी से विधायक सुधांशु शेखर एनडीए के साथ खड़े हैं. विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह भी कुशवाहा के इस्तीफा के बाद छिटक गये हैं. कुशवाहा के विरोध में हैं. ललन पासवान ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अवसरवादी हैं. जगदेव प्रसाद की जिन्होंने हत्या की उनके साथ गठबंधन करने जा रहे हैं. यह कुशवाहा समाज के साथ धोखा है. रालोसपा के दोनों विधायक ही असली रालोसपा हैं. एनडीए ने तीन सांसद वाले दल को एक मंत्री पद दिया. इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है. कुशवाहा अब झूठ बोल रहे हैं. उनको इस्तीफा देना था तो पहले ही दे देते. रालोसपा का बहुमत हमारे साथ है. हम एनडीए के साथ चुनाव लड़ेंगे.