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पटना : भाजपा ने किया कुशवाहा पर जोरदार वार, कहा- अक्षमता का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रहे
पटना : एनडीए से अलग होने और केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद बिहार भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय अपनी अक्षमता का ठीकरा उपेंद्र कुशवाहा केंद्र व राज्य सरकार पर फोड़ रहे हैं. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सम्राट चौधरी, विधान […]
पटना : एनडीए से अलग होने और केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद बिहार भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय अपनी अक्षमता का ठीकरा उपेंद्र कुशवाहा केंद्र व राज्य सरकार पर फोड़ रहे हैं.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सम्राट चौधरी, विधान पार्षद सूरजनंदन कुशवाहा, विधायक व्यासदेव प्रसाद, पूर्व विधायक व प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश मंत्री रूपनारायण मेहता ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि भाजपा देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है. एनडीए के सभी सहयोगी दलों और नेताओं का पूरा सम्मान दिया गया है. नरेंद्र मोदी के अहम सहयोगी रहे उपेंद्र कुशवाहा द्वारा इस्तीफा देते वक्त कही गयीं बातें बेबुनियाद तथा तथ्य से परे हैं.
भाजपा नेताओं ने कहा कि साढ़े चार साल तक स्वयं मंत्री रहते हुए और लगातार केंद्र सरकार के कार्यों की प्रशंसा करने के बाद अचानक अनर्गल बयानबाजी कर इस्तीफा देना उपेंद्र जी की राजनीतिक निष्ठा पर ही सवाल खड़ा करता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 25 अक्टूबर को आग्रह कर दिल्ली उपेंद्र कुशवाहा को बुलाया था, लेकिन उन्होंने किसी कार्य का बहाना बनाकर मिलने से मना कर दिया. 26 अक्टूबर को जब दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तब रालोसपा अध्यक्ष अरवल के सर्किट हाउस में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ गुफ्तगू कर रहे थे. भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र की सरकार ने सामाजिक न्याय के लिए लगातार काम किया है. ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का ऐतिहासिक काम किया है.
अगली जनगणना में ओबीसी की गणना भी अलग से की जायेगी, जो ओबीसी के लिए दूसरा बड़ा ऐतिहासिक काम होगा. 2016 में रालोसपा दो भागों में विभक्त हो गयी और इनके एक सांसद एवं विधायक ने अलग गुट बना लिया. फिर भी एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा के सम्मान में कोई कमी नहीं होने दी गयी. उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी भाजपा और प्रधानमंत्री के खिलाफ रालोसपा अध्यक्ष ने बयानबाजी कर गठबंधन धर्म को तोड़ने का काम किया. मंत्री रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में रालोसपा प्रमुख ने एक भी गंभीर काम नहीं किया.
भाजपा ने कुशवाहा नेताओं को किया आगे
भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा के एनडीओ से अलग होने तथा मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद अपने कुशवाहा नेताओं को आगे किया है.
कुशवाहा के इस्तीफे के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित कोई बड़ा नेता कुछ भी नहीं कह रहे रहे हैं. पार्टी की ओर से कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी. सूरजनंदन कुशवाहा सहित अन्य कुशवाहा और कुर्मी समाज से आने वाले नेताओं को आगे किया गया है.
अपने नेता के इस्तीफे का रालोसपा ने किया स्वागत
रालोसपा ने अपने नेता उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे का स्वागत किया है. प्रदेश के प्रधान महासचिव सत्यानंद प्रसाद दांगी, युवा लोक समता के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु पटेल, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता ई अभिषेक झा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता के साथ जो वादे किये थे, वह पूरे नहीं हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद से हालात और भी खराब हुए हैं.
लोजद ने भी किया खुशी का इजहार
लोजद ने उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे का स्वागत किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमई राम ने कहा कि एनडीए की जनविरोधी कार्यों से तंग आकर उपेंद्र कुशवाहा ने एेसा कदम उठाया है.
देखेंगे कि महागठबंधन में कितना सम्मान मिलता है
एलजेपी के संसदीय दल के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि वह हमेशा आरएलएसपी को एनडीए में देखना चाहते थे. उपेंद्र कुशवाहा को प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल और एनडीए के सभी प्लेटफॉर्म पर निजी, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बात रखने के लिए साढ़े चार साल मिले.
वह गठबंधन के बाहर पब्लिक के बीच बात करते रहे. अब उन्होंने जो निर्णय लिया है वह पार्टी हित सोचकर लिया होगा. चिराग ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा को भाजपा थोप रही थी, यह आरोप गलत है. अब हम भी देखेंगे कि महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा काे कितना सम्मान मिलता है.
वोट पर उपेंद्र की पकड़ नहीं
बिहार खाद्य आयोग के सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से नाता तोड़कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. कुशवाहा समाज नीतीश कुमार के साथ है. उपेंद्र कुशवाहों के नेता होने का दावा कितना ही कर लें, वोट उनको नहीं मिलना है. वोट पर उपेंद्र कुशवाहा की पकड़ नहीं है.
कुशवाहा हैं सियासत के साइबेरियन क्रेन
जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने रालोसपा प्रमुख को राजनीति का साइबेरियन क्रेन बताया है. उन्होंने कहा कि अप्रवासी पक्षी साइबेरियन क्रेन की पूरी जिंदगी एक जगह से दूसरी जगह जाकर रहने में ही निकल जाती है.
उपेंद्र कुशवाहा की हालात भी कमोबेश कुछ ऐसी ही है. वह साढ़े चार साल से अधिक वक्त तक केंद्र में मंत्री पद का सुख भोगते रहे. पद छोड़ते ही केंद्र की राजग सरकार में खामियां दिख रही हैं. संजय सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का फैसला जनहित को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है. यह अपनी राजनीति को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय है. जनता उनकी नाटकबाजी को बखूबी समझ रही है.
इस्तीफा सही समय पर सही कदम : कांग्रेस
उपेंद्र कुशवाहा के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने का प्रदेश कांग्रेस ने स्वागत किया है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि कुशवाहा का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा सही समय पर सही कदम है. देश के धर्मनिरपेक्ष दल लगातार कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए एक मंच पर आ रहे हैं.
पटना : 15 से इको टूरिज्म पैकेज का लुत्फ उठाएं सैलानी
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 15 दिसंबर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के लिए शुरू हो रहे इको टूरिज्म पैकेज का लुत्फ उठाने की सैलानियों से अपील की है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा बिहार राज्य पर्यटन निगम की ओर से शुरू किये जा रहे पैकेज के अंतर्गत सैलानी को महज 2800 रुपये में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व आने-जाने, एक रात और दो दिन ठहरने तथा जलपान-भोजन की सुविधा मिलेगी.
मोदी ने कहा कि पटना के आर ब्लॉक स्थित होटल कौटिल्य विहार से टिकट की बुकिंग होगी. यहां से सुबह 8 बजे गाड़ियां खुलेंगी. प्रत्येक शनिवार को अगले 3 महीने तक सैलानी इस टूर पैकेज का लाभ उठा सकेंगे. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 80 से ज्यादा लोगों के लिए बैम्बू कॉटेज, ट्री कॉटेज, वाल्मीकि विहार आदि में ठहरने और उत्तम भोजनालय की व्यवस्था है.
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