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पटना : सिंचाई, भंडारण और बाजार की समस्या अब भी बरकरार

राज्य से आये किसानों ने रखी अपनी समस्या पटना : जब तक किसानों का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं होगा. आज भी राज्य सहित देश के किसानों के पास बाढ़, जलजमाव, सूखा से लेकर अनाज के भंडारण और फसल के बाजार की समस्या बरकरार है. कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं, […]

राज्य से आये किसानों ने रखी अपनी समस्या
पटना : जब तक किसानों का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं होगा. आज भी राज्य सहित देश के किसानों के पास बाढ़, जलजमाव, सूखा से लेकर अनाज के भंडारण और फसल के बाजार की समस्या बरकरार है.
कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उनका सही लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है.किसानों की आत्महत्याएं चिंता का विषय बनी हुई हैं. ऐसे में हमें एक ऐसे प्रतिनिधि, मंत्री, मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो सही रूप से किसानों के हित की बात करे और किसानों के लिए काम हो, ताकि हम किसानों की स्थिति में सुधार आये.
ये बातें सोमवार को जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित बिहार प्रदेश लोक समिति के राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरजा सतीश ने कहीं. उन्होंने कहा कि खेती पर देश की 60 फीसदी आबादी, 50 फीसदी श्रम शक्ति और जीडीपी में 17 से 18 प्रतिशत योगदान होने के बावजूद उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सम्मेलन में समिति के महामंत्री शिवाजी सिंह ने संगठन की ओर से 15 सूत्री किसानों की मांग को प्रस्तुत किया. मौके पर समिति के राष्ट्रीय संयोजक गणेश कौशल आजाद ने भी अपने विचार रखे.
देश के विकास की नीति कृषि आधारित नहीं होकर उद्योग आधारित हो गयी है वहीं अन्य वक्ताओं ने बताया कि बिहार के किसान की स्थिति नीचे से दूसरे स्थान पर है. हम लोग केवल पश्चिम बंगाल से ऊपर हैं. राज्य में 86 फीसदी किसान बेहद कम जमीन वाले याबगैर जमीन के हैं. हमारे यहां सिंचाई, भंडारण और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. जहां भी किसान आत्महत्या करता है तो डीएम व बड़े प्रशासनिक अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच जाते हैं और उसे आत्महत्या के कारण को बदलने के लिए दबाव बनाने का काम करते हैं, क्योंकि किसान की आत्महत्या उनके नौकरी को प्रभावित करती है. ऐसे में अगर सरकार किसान आत्महत्या को कृषि की दुर्दशा मानेगी ही नहीं, तो किसानों की स्थितिसुधाने का प्रयास कैसे होगा. वहीं एक अन्य वक्ता ने कहा कि देश के विकास की नीति कृषि आधारित नहीं होकर उद्योग आधारित हो गयी है और
अभी तक कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं मिला है. ऐसे में किसानों को ऐसे प्रतिनिधियों को निर्वाचित कर विधानसभा, लोकसभा में भेजना चाहिए जो पांव वर्ष केवल किसानों की बात करे, वहां किसान को जाति में नहीं बांटा जाये.
समिति को मुद्दे से नहीं भटकना चाहिए. सम्मेलन में मुख्य रूप से राघवेंद्र प्रताप सिंह, रामायण सिंह, चंद्रभूषण, क्रांति रासोश, गोदावरी, मंजुश्री, मीना देवी, सुबोध पांडेय, कल्याणी शर्मा, परमेश्वर यादव, मंतोष कुमार सहित राज्य के कई जिलों से आये समिति के प्रतिनिधि, किसान नेता सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
पटना : बिहार में सिविल जज की होने वाली नियुक्ति में एससी-एसटी को आरक्षण देने की मांग वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सात जनवरी को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि निर्धारित की है.
स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी मामले का आदेश सुरक्षित : हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की ओर से दायर एलपीए पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने हाईकोर्ट के एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिस आदेश में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति करने के लिए डिप्लोमा धारी और डिग्रीधारी दोनों तरह के छात्रों को छूट दी जाये. जबकि, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की ओर से निकाले गये विज्ञापन में केवल डिप्लोमाधारी इंजीनियरों से ही आवेदन मांगा गया था.
डिग्रीधारी आवेदकों ने बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के द्वारा निकाले गये उसी विज्ञापन को चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए दोनों तरह के छात्रों को आवेदन करने की छूट दे दी थी. एकलपीठ के इसी आदेश को कंपनी ने हाईकोर्ट में एलपीए दायर कर चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया .

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