पटना : भाकपा के वरिष्ठ नेता यूएन मिश्र नहीं रहे
पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता व जनशक्ति दैनिक व साप्ताहिक के पूर्व संपादक यूएन मिश्र नहीं रहे. उनका निधन 84 वर्ष की उम्र में बुधवार सुबह विलासपुर के एक अस्पताल में हो गया. वे कुछ समय से बीमार थे. उनके निधन पर भाकपा, माकपा सहित अन्य वामदलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि […]
पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता व जनशक्ति दैनिक व साप्ताहिक के पूर्व संपादक यूएन मिश्र नहीं रहे. उनका निधन 84 वर्ष की उम्र में बुधवार सुबह विलासपुर के एक अस्पताल में हो गया. वे कुछ समय से बीमार थे. उनके निधन पर भाकपा, माकपा सहित अन्य वामदलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है.
भाकपा के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह और माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा है कि यूएन मिश्र का जन्म वैशाली जिले के रानी पोखर स्थित कर्णपुरा गांव में हुआ था. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल में ही हुई थी.
हाईस्कूल की पढ़ाई गांव से कई मील दूर सराय में हुई थी. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1955 के छात्र आंदोलन से हुई थी. ग्रेजुएशन के बाद बिहार सरकार के राजभाषा विभाग में अधिकारी के रूप में उन्होंने काम करना शुरू किया. वर्ष 1976 में उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद उन्होंने जनशक्ति दैनिक में समाचार संपादक के रूप में काम करना शुरू किया. उन्होंने कठोर संघर्ष किया और इसी के फलस्वरूप वे वर्ष 1983 में दैनिक जनशक्ति के संपादक बनाये गये.
यूएन मिश्र बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के दो बार अध्यक्ष रहे. इस पद पर कार्य करते हुए उन्होंने पत्रकारों के कल्याण के लिए बहुत काम किया. बिहार पत्रकार कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष बने. अपनी लगन प्रतिबद्धता और किये गये कठोर प्रयास के चलते वे पार्टी के राज्य सचिव मंडल सहित सर्वोच्च निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य चुने गये.
बाद में पार्टी का कार्यक्रम ड्राफ्ट करने के लिए बने ड्राफ्ट कमीशन के भी सदस्य बनाये गये. जनशक्ति के संपादक पद से हटने के बाद यूएन मिश्र बीमार रहने लगे और विलासपुर में अपने छोटे पुत्र के पास रहने लगे. वहीं, पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत काफी बिगड़ गयी. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया, जहां बुधवार सुबह छह बजे उनका निधन हो गया. उनका पार्थिव शरीर पटना स्थित जनशक्ति भवन में गुरुवार को 11 बजे तक आमलोगों के दर्शन के लिए रहेगा. उसके बाद गुलबी घाट पर दाह संस्कार होगा.