पटना : शिविर में मिलेगा विद्युत कनेक्शन

प्रत्येक बुधवार को प्रखंड कार्यालयों पर शिविर लगाया जायेगा. यह अभियान सभी 534 प्रखंडों में चलेगा. इसमें किसानों को सुविधाजनक तरीके से कनेक्शन दिया जायेगा. आवेदन के समय किसी प्रकार की राशि नहीं देनी होगी. कनेक्शन लेने के बाद लागत राशि का भुगतान किसानों को दस समान किस्तों में करना होगा. उपयोग की गयी बिजली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2018 8:52 AM
प्रत्येक बुधवार को प्रखंड कार्यालयों पर शिविर लगाया जायेगा. यह अभियान सभी 534 प्रखंडों में चलेगा. इसमें किसानों को सुविधाजनक तरीके से कनेक्शन दिया जायेगा. आवेदन के समय किसी प्रकार की राशि नहीं देनी होगी. कनेक्शन लेने के बाद लागत राशि का भुगतान किसानों को दस समान किस्तों में करना होगा. उपयोग की गयी बिजली का भुगतान किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से करना होगा.
बिजली कंपनी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिजली आधारित पंपसेट के माध्यम से सिंचाई करने का औसत खर्च डीजल आधारित पंपसेट से सिंचाई करने में दस फीसदी से भी कम आता है.
किसानों को नये विद्युत कनेक्शन लेने के लिए आवेदन के साथ पहचानपत्र (आधार कार्ड ,वोटर आईडी),आवासीय पहचानपत्र और जमीन से संबंधित दस्तावेज लगाना होगा.नलकूप के पास विद्युत कनेक्शन के लिए सभी जरूरी संरचना उपलब्ध रहने पर सात दिनों के अंदर कनेक्शन दे दिया जायेगा. कनेक्शन के लिए मीटर छोड़कर अन्य संबंधित सामान की व्यवस्था किसानों को करनी होगी. पोल से नलकूप तक का तार, मीटर के लिए बोर्ड और कीटकैट आवेदक को खरीद कर मीटर लगाते समय उपलब्ध कराना होगा.
कितने पैसे लगेंगे
आवेदन शुल्क सिंगल फेज श्रेणी के लिए 75 रुपये, थ्री फेज के लिए दो सौ रुपये, अधिष्ठापन शुल्क 400 व 900 रुपये, प्रतिभूति राशि प्रति एचपी 400 देने होंगे. इसके अतिरिक्त कोई चार्ज नहीं लिया जायेगा. यह राशि दस किस्तों में ली जायेगी. इस पर किसी तरह का ब्याज भी नहीं लगेगा. पटवन के लिए पहले से कनेक्शन लेने वाले किसानों को भी 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिलेगी.
31 दिसंबर, 2019 है लक्ष्य
बिहार में सिंचाई के लिए अलग कृषि फीडर लगाने का काम जारी है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार के हर इच्छुक परिवार को बिजली का कनेक्शन लक्ष्य के अनुरूप उपलब्ध कराया गया. उसी प्रकार 31 दिसंबर ,2019 तक हर इच्छुक किसान को सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही पुराने जर्जर बिजली के तारों को बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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