पटना : गंगा में सिक्के तलाशने साथ जाते थे सभी दोस्त

पटना : चंदन और आलम की दोस्ती जहां से शुरू हुुई थी वहीं खत्म भी हुई. लेकिन अंत ऐसी हुई कि आलम को जान गंवानी पड़ी और उसके परिवार वालों को अपनी औलाद. दोनों करीब एक साल पहले गंगा घाट पर ही मिले थे. चंदन पहले से गंगा में सिक्कों की तलाश करता था. आलम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2018 8:41 AM
पटना : चंदन और आलम की दोस्ती जहां से शुरू हुुई थी वहीं खत्म भी हुई. लेकिन अंत ऐसी हुई कि आलम को जान गंवानी पड़ी और उसके परिवार वालों को अपनी औलाद. दोनों करीब एक साल पहले गंगा घाट पर ही मिले थे. चंदन पहले से गंगा में सिक्कों की तलाश करता था. आलम भी मुहल्ले के लड़कों के साथ गंगा घाट जाता था. दिन भर वह घाट पर रहता था, वह चंदन समेत अन्य दोस्तों को गंगा नदी में सिक्का तलाशने और इकट्ठा
करने के बाद खाने-पीने और मस्ती करते देखकर खुद भी सिक्कों की तलाश करने लगा. धीरे-धीरे वह चंदन का खास दोस्त बन गया. छठ पूजा, गंगा दशहरा, गुरु पूर्णिमा, एकादशी जैसे पारंपरिक पर्व पर जब लोग गंगा में स्नान करने जाते थे तो गंगा में चढ़ाये गये सिक्कों को निकलाने के लिए चंदन, आलम जैसे तमाम लड़के सिक्का निकालते थे.
…लेकिन इस बार छठ पूजा में जब आलम के हाथ गंगा नदी से चांदी का सिक्का लगा तो वह चंदन को खटकने लगा था. यहीं से चंदन ने साजिश रचनी शुरू की और 9 दिसंबर को ढलती शाम को घर से बहला-फुसला कर बुलाया और उसे मौत की घाट उतार दिया.
बदहवास हुई मां
कृष्णा घाट पर पुलिस लाश बरामद करने गयी थी. लाश मिलते ही आलम के परिवार वाले चीखने-चिल्लाने लगे. आलम की मां गुड़िया तो बिल्कुल बदहवास हो गयी थी. उसका बेटा मृत हालत में आंखों के सामने था. वह गंगा किनारे रेत पर पैर पटक कर रो रही थी. यहां बता दें कि गुड़िया के पांच बेटे और एक बेटी है. आलम चौथे नंबर का पुत्र था. उसके खोने से परिवार में मायूसी पसर गयी है. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और लाश परिजनाें को सौंप दिया है.
शाम को घर पहुंची लाश तो रो पड़ा मुहल्ला : शाम को पोस्टमार्टम के बाद जब आलम की लाश नया गांव मुस्सलहपुर पहुंची तो पूरा मुहल्ला रो पड़ा. पास-पड़ोस के लोग इकठ्ठा हो गये. काफी देर तक आलम के घर पर भीड़ जमा रही. दुख के इस मंजर को देखकर हर कोई हैरान-परेशान था. लोग आलम के परिवार वालों को दिलाशा दिला रहे थे. लेकिन घरवालों का दुख कम नहीं हो रहा था. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चंदन को तो गिरफ्तार कर ही लिया है. इसके अलावा यह देखा जा रहा है कि चंदन के साथ कोई और था या नहीं. पुलिस पूरे मामले की गहरायी से छानबीन कर रही है.
नदी से सिक्का निकालना बन गया है धंधा : आस्था के नाम पर गंगा में प्रवाहित किया गया सिक्का निकालना एक धंधा बन गया है. कुछ लोग तो गरीब घर के बच्चों को इकठ्ठा करके सिक्का व कीमती चीजों को निकलवाते हैं. नदी से सिक्का निकालने वाले लड़के गंगा घाटों पर घूमते और बुरे संगत में आ कर नशा भी करने लगते हैं. गांजा, भांग उनकी आदत हो जाती है. गंगा से सिक्का निकालने के बाद नशा करते हैं.

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