उच्च शिक्षा के विकास का बना रोड मैप
पटना: बिहार की उच्च शिक्षा के विकास के लिए शिक्षा विभाग ने रोड मैप तैयार किया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए शिक्षा विभाग ने प्लान तैयार किया कि क्या-क्या करना है? राजकीय महाविद्यालय गर्दनीबाग और राजकीय महाविद्यालय गुलजारबाग को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके साथ ही भाषा अकादमियों को भी […]
पटना: बिहार की उच्च शिक्षा के विकास के लिए शिक्षा विभाग ने रोड मैप तैयार किया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए शिक्षा विभाग ने प्लान तैयार किया कि क्या-क्या करना है? राजकीय महाविद्यालय गर्दनीबाग और राजकीय महाविद्यालय गुलजारबाग को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा.
इसके साथ ही भाषा अकादमियों को भी सुदृढ़ किया जायेगा. इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये का प्रावधान किया है. इससे अकादमियों में जो भी कमी होगी, उनको दूर किया जायेगा. इस वित्तीय वर्ष में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के लिए जिन छह संस्थानों ने आवेदन दिया है, उनकी जांच कर उन्हें विवि खोलने की अनुमति दी जायेगी. विश्वविद्यालयों में 3345 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. विभाग बिहार लोक सेवा आयोग से संपर्क कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करवायेगा.
एलएनएमयू व जगजीवन राम शोध संस्थान को दो करोड़ : विश्वविद्यालयों के ज्यादा-से-ज्यादा कॉलेजों को नैक की मान्यता दिलाने की भी पहल की जायेगी. चाणक्य विधि विश्वविद्यालय के विकास के लिए करीब तीन करोड़, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के भवन निर्माण और कॉरपस फंड के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है. इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं. जगजीवन राम शोध संस्थान व ललित नारायण आर्थिक विकास सामाजिक संस्थान को भी शिक्षा विभाग विकसित करेगा. दोनों संस्थानों को दो-दो करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं. वहीं, सूबे की तकनीकी व व्यावसायिक संस्थानों को आर्यभट्ट ज्ञान विवि से जोड़ा गया है. खर्च के लिए विश्वविद्यालय को 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं.