पटना : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने के कारण राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग कर लिये जाने के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने महागठबंधन में स्वागत करते हुए दो सीटें दिये जाने की पेशकश की है. मालूम हो कि एनडीए में भी उपेंद्र कुशवाहा को दो सीटें दिये जाने की बात की जा रही थी. उन्होंने कहा कि एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की उपेक्षा हुई है. उन्हें बहुत पहले ही एनडीए का साथ छोड़ देना चाहिए था. उन्होंने एनडीए से अलग होने के उपेंद्र कुशवाहा के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें वर्ष 2014 में एनडीए में मिली तीन सीटें भी नहीं दी जा रही थी. अब अगर वह महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो उन्हें वर्तमान के मुताबिक दो सीटें देने पर विचार किया जायेगा. मालूम हो कि जहानाबाद से सांसद अरुण कुमार रालोसपा से अलग होकर राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर) नयी पार्टी बना ली है.
महागठबंधन में सीट शेयरिंग की बयानबाजी के बाद राजद नेता ने दी नसीहत
महागठबंधन में राजद 20-20 के फार्मूले पर सीट शेयरिंग चाहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में राजद 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं, 20 सीटें सहयोगी दलों के लिए होने की संभावना जतायी जा रही है. इसमें 10 सीटें कांग्रेस और अन्य 10 सीटों में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा , बहुजन समाज पार्टी , वामपंथी दल और शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल को सीटें दिये जाने की उम्मीद है. हालांकि, सीट शेयरिंग पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. एनडीए से अलग होने के बाद रालोसपा के महागठबंधन में शामिल होने की स्थिति में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान हो सकती है. इसी बीच, कौकब कादरी ने बयान दिया था कि बिहार में कांग्रेस 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने महागठबंधन के साथ होने की भी बात कही थी. साथ ही कहा था कि सीटों के बंटवारे पर बातचीत के बाद ही फैसला किया जायेगा. हालांकि, कुछ सीटों पर समझौता हो सकता है. वहीं, उन्होंने 8, 10,12 सीटों की बात को बेइमानी करार दिया है. कौकब कादरी के बयान के बाद राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पलटवार करते हुए कहा है कि कौकब कादरी वरिष्ठ नेता हैं. महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं को अति उत्साह में ऐसे बयान नहीं देना चाहिए, जिसका असर गलत पड़े. सभी दल चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सीटें मिले, लेकिन इसके लिए बातचीत कर वास्तविकता के अनुसार सीट शेयरिंग पर निर्णय किया जायेगा. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि महागठबंधन में सीट कोई मायने नहीं रखता. सीटों के कारण महागठबंधन में टूट नहीं होगा. लोगों ने कांग्रेस की हैसियत हाल में आये विधानसभाओं के चुनाव परिणाम में देख ली है. हम चाहते है कि हमें ज्यादा से ज्यादा सीटें मिले.