पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सैनफ्रांसिस्को स्थित विश्वविख्यात स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बताया कि बिहार के लिए गर्व का विषय है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में आधे दर्जन से ज्यादा शोध कर्ता बिहार के मातृत्व और नवजात शिशु के पोषण व स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले वर्षों हुए उल्लेखनीय कामों का अध्ययन कर रहे हैं. ताकि विश्व के अन्य देश बिहार के प्रयोगों का अपने देशों में अनुसरण कर सकें.
मोदी ने बताया कि बिहार में एएनएम और नर्सों के प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘अमानत’ सहरसा जिले में पांच सौ से ज्यादा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा मोबाइल ऐप के द्वारा गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशु की ट्रेकिंग, जीविका की दीदियों द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में किये गये कार्य, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम द्वारा मातृत्व, शिशु स्वास्थ्य एवं शिशु पोषण की पहल का बिहार में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, सुरक्षित प्रसव आदि पर हुए व्यापक प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है. मोदी ने बताया कि इन अध्ययनों को बहुत जल्दी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा सार्वजनिक किया जायेगा. ताकि, भारत के अन्य पिछड़े राज्यों तथा दुनिया के अनेक गरीब मुल्कों में बिहार की सफलता की कहानी को दोहराया जा सके.