कमलनाथ के बयान से बिहार की सियासत का बढ़ा तापमान

पटना : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बिहार के लोगों को वहां मिल रही नौकरियों पर दिये बयान की बिहार के राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना की है. भाजपा ने जहां इसे क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाला बयान बताया है, वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने कमलनाथ का बचाव करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2018 7:13 AM
पटना : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बिहार के लोगों को वहां मिल रही नौकरियों पर दिये बयान की बिहार के राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना की है.
भाजपा ने जहां इसे क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाला बयान बताया है, वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. पर, बिहार के लोग जहां भी जाते हैं, अपनी प्रतिभा के बल पर ही नौकरी लेते हैं. जबकि, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा कि बिहार सरकार की नीतियों के कारण लोगों का यहां से पलायन हो रहा है.
देश और राज्यों में बढ़ेंगे क्षेत्रवाद के मामले
कमलनाथ ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद संभालते ही स्थानीय नौकरियों में बिहार के लोगों की हिस्सेदारी पर सवाल उठाया था. उन्होंने इस संबंध में ट्वीट भी किया. इसके पहले बिहार के लोगों को लेकर महाराष्ट्र में मनसे के राज ठाकरे ने विवादित बयान दिया था. इसके बाद गुजरात निवासी और बिहार में कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर के समर्थकों ने गुजरात में बिहारियों से दुर्व्यवहार किया था. ठाकोर सेना ने गुजरात में बिहारियों पर हमला भी किया था.
इस कारण हजारों लोगों को अक्टूबर में गुजरात छोड़कर बिहार लौटना पड़ा था. बिहारियों के प्रति नफरत की आग स्थानीय नेता लगाते रहते हैं. पर, यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है, क्योंकि किसी मुख्यमंत्री ने पहली बार बिहार के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया है.
किसी को भी कहीं काम करने का है अधिकार
कमलनाथ का बयान निंदनीय है. इस तरह का बयान क्षेत्रवाद को बढ़ावा देगा. सत्ता संभालते ही उन्होंने मध्य प्रदेश में क्षेत्रवाद का बीज बोना शुरू कर दिया है. दो दिन में ही सत्ता का अहंकार कांग्रेस में नजर आने लगा है. राहुल गांधी व तेजस्वी प्रसाद यादव को माफी मांगनी चाहिए.
—नित्यानंद राय, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
कमलनाथ ने किस संदर्भ में यह बात कही है इसकी जानकारी उनके पास नहीं हैं. लेकिन, बिहार के लोग मेहनती होते हैं. अपनी प्रतिभा के बल पर कहीं भी स्थान बना लेते हैं. सबसे बड़ी बात है कि किसी भी व्यक्ति को देश के किसी भी राज्य में काम करने का अधिकार है.
—डाॅ मदन मोहन झा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
एमपी के सीएम कमलनाथ का बयान अनुचित नहीं है. बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों की नीतियों के कारण ही इन राज्यों से लोग पलायन कर रहे हैं. सरकारें अगर ध्यान देतीं तो पलायन नहीं होता. कमलनाथ के बयान से दोनों राज्यों की सरकारों को सीख लेनी चाहिए.
—जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम
भारत के संविधान के तहत किसी भी राज्य में जाकर कोई भी व्यक्ति रोजी रोटी कमा सकता है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ योग्य व्यक्ति हैं. इस तरह के बयान से उन्हें बचना चाहिए. इससे देश में क्षेत्रीयता बढ़ेगी. किसी भी मापदंड से ऐसे बयान को उचित नहीं ठहराया जा सकता.
—देवेंद्र प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष, सपा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को बिहार में घुसने नहीं दिया जायेगा. कमलनाथ को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. नहीं तो राष्ट्रपति उन्हें बर्खास्त कर दें. बिहार-यूपी के लोग दूसरे राज्यों के विकास में सहयोग करते हैं.
—अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री
बिहारी यदि अपनी मेधा और प्रतिभा के बल पर रोजगार पाते हैं तो इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आपत्ति क्यों हो रही है? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को इस मामले में अपना नजरिया साफ करना चाहिए.
—नीरज कुमार, प्रवक्ता, जदयू
बिहार के लोग अपने टैलेंट की बदौलत किसी भी परीक्षा में अव्वल आते हैं. ऐसे में किसी भी नेता को इस तरह का बयान देने से बचना चाहिए. जो भी इस तरह की बात करे, उसका विरोध होना चाहिए. गुजरात और महराष्ट्र में भी बिहारियों को अपमानित किया जा रहा है.
—भाई वीरेंद्र, राजद नेता
उनकी पार्टी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान की निंदा करती है. साथ ही कमलनाथ और उनकी कांग्रेस से पूछना चाहती है कि क्या सरकार बनते ही उन्होंने तुष्टीकरण की नीति शुरू कर दी है? वे बुधवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठायेंगे.
—चिराग पासवान, सांसद, लोजपा

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