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पटना : उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई : डॉ प्रेम कुमार

पटना : उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. राज्य के किसानों को रबी मौसम में सहज रूप से विभिन्न उर्वरकों की आपूर्ति के लिए उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि किसानों को उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये. ऐसा नहीं […]

पटना : उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. राज्य के किसानों को रबी मौसम में सहज रूप से विभिन्न उर्वरकों की आपूर्ति के लिए उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी है.
उन्हें निर्देश दिया गया है कि किसानों को उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये. ऐसा नहीं करने वाले उर्वरक कंपनियों, डीलरों और विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. साथ ही कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. ये बातें कृषि विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहीं.
मंत्री ने कहा कि फसलों के लिए उर्वरकों की अनुसंशित मात्रा का ही उपयोग खेतों में करें. साथ ही यह ध्यान रखें कि एनपीके का अनुपात 4:2:1 ही हो. उर्वरकों की कालाबाजारी पर निगरानी रखनेे के लिए जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड स्तर पर और प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में उर्वरक निगरानी समिति गठित है. इन समितियों की नियमित बैठक कराने के लिए सभी जिला पदाधिकारियों से कहा गया है. उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों और प्रमंडलीय संयुक्त निदेशकों को भी लगातार निगरानी और कालाबाजारी की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि राज्य में इस वर्ष रबी मौसम में अब तक 7.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता थी. इसके विरूद्ध भारत सरकार ने 7.65 लाख मीट्रिक टन यूरिया बिहार को आवंटित किया. इसमें से 4.53363 लाख मीट्रिक टन की आपू्र्ति हुई है. 0.80226 लाख मीट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट में है, जिनकी शीघ्र आपूर्ति होने की सूचना है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 3.02 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई है.
यह लक्ष्य से अधिक है. वहीं 0.33183 लाख मीट्रिक टन डीएपी ट्रांजिट में है. इसी प्रकार इस अवधि में राज्य में एनपीके और एनओपी का लक्ष्य क्रमश: 1.60 लाख मीट्रिक टन और 1.10 लाख मीट्रिक टन निर्धारित है. इनके विरूद्ध इनकी आपूर्ति क्रमश: 1.26 लाख मीट्रिक टन और 0.98881 लाख मीट्रिक टन हुई है.
उन्होंने कहा कि राज्य में उर्वरक की बिक्री केंद्रों पर पीओएस मशीन के माध्यम से 296 रुपये प्रति 50 किलोग्राम यूरिया के पैकेट और 266.50 रुपये प्रति 45 किलोग्राम यूरिया के पैकेट की दर पर ही बिक्री की जानी है. एक जनवरी, 2018 से राज्य में सभी खुदरा उर्वरक बिक्रेता को पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरकों की बिक्री करना अनिवार्य कर दिया गया है.

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