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पटना : महंगे होंगे खादी वस्त्र, बुनकरों की बढ़ेगी आमदनी
करीब 15000 कत्तिनों और बुनकरों को मिलेगा रोजगार पटना : प्रदेश में खादी वस्त्र अब महंगे हो जायेंगे, वहीं कत्तिनों और बुनकरों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. उनके जीवनस्तर में सुधार होगा. बुनकरों से बने खादी वस्त्र रेमण्ड कंपनी खरीदकर उसे आकर्षक व आधुनिक डिजाइन के साथ आमलोगों को बेचेगी. ऐसे में कई तरह के […]
करीब 15000 कत्तिनों और बुनकरों को मिलेगा रोजगार
पटना : प्रदेश में खादी वस्त्र अब महंगे हो जायेंगे, वहीं कत्तिनों और बुनकरों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. उनके जीवनस्तर में सुधार होगा. बुनकरों से बने खादी वस्त्र रेमण्ड कंपनी खरीदकर उसे आकर्षक व आधुनिक डिजाइन के साथ आमलोगों को बेचेगी.
ऐसे में कई तरह के खादी कपड़े बाजार में उपलब्ध होंगे. यह जानकारी उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने गुरुवार को दी. वे बिहार खादी बोर्ड और रेमण्ड के बीच एमओयू होने के अवसर पर बोल रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन उद्योग विभाग के सभागार में किया गया था. उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में कृषि के बाद खादी के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं.
इस समय राज्य में 80 निबंधित खादी उत्पादक इकाइयां काम कर रही हैं. खादी के विकास के लिए देश के महत्वपूर्ण शहरों में बिहार इम्पोरियम खोले जायेंगे. इसमें पटना के साथ मुंबई, बेंगलुरु, लुधियाना और कोच्चि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि रेमण्ड कंपनी खादी वस्त्रों की बिक्री के साथ ही इसके उत्पादन में भी तकनीकी सहयोग करेगी. साथ ही इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि खादी वस्त्रों को युवा वर्ग भी अपनाएं.
बिहार खादी बोर्ड के सीईओ बीएन प्रसाद ने कहा कि राज्य में इस समय खादी के करीब 5000 कत्तिनों और बुनकर हैं. इनकी संख्या तीन गुनी बढ़ाकर 15000 की जायेगी. इससे उनके रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी.
खादी रेमण्डस के कैटेगिरी हेड प्रमोद प्रधान ने कहा कि दो साल पहले केंद्र सरकार और रेमण्ड के बीच हुए समझौते के बाद 16 राज्यों में करीब 100 संस्थाओं के साथ यह कंपनी काम कर रही है. बिहार की आबोहवा के अनुसार यहां के खादी वस्त्रों की गुणवत्ता अन्य राज्यों के मुकाबले अच्छी हो सकती है.
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