नाबालिग से दुष्कर्म करनेवाले विधायक राजबल्लभ को उम्रकैद, लड़की को विधायक के हवाले करनेवाली मां-बेटी को भी उम्रकैद

पटना/बिहारशरीफ : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में नवादा के विधायक राजबल्लभ प्रसाद को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज परशुराम सिंह यादव ने शुक्रवार को उमकैद की सजा सुनायी. साथ ही पीड़िता को नवादा स्थित राजबल्लभ के आवास पर पहुंचाने वाली मां-बेटी राधा देवी और सुलेखा कुमारी को भी उम्रकैद की सजा सुनायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2018 3:43 AM
पटना/बिहारशरीफ : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में नवादा के विधायक राजबल्लभ प्रसाद को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज परशुराम सिंह यादव ने शुक्रवार को उमकैद की सजा सुनायी. साथ ही पीड़िता को नवादा स्थित राजबल्लभ के आवास पर पहुंचाने वाली मां-बेटी राधा देवी और सुलेखा कुमारी को भी उम्रकैद की सजा सुनायी गयी.
इन तीनों को आइपीसी की धारा 376 और पॉस्को की धारा 4 एवं 17 के तहत उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. साथ ही जहां राजबल्लभ पर 50 हजार रुपये व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया, वहीं सुलेखा व राधा पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. कोर्ट ने सुलेखा व राधा देवी को अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 4 एवं 5 के तहत 10-10 साल कैद की भी सजा सुनायी.
साथ ही 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर जहां राजबल्लभ को छह माह, वहीं सुलेखा व राधा देवी को तीन-तीन माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा तीन अन्य दोषियों छोटी कुमारी, टुन्नी कुमारी व संदीप सुमन को आइपीसी की धारा 366 ए के लिए 10-10 साल कैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माना, देह व्यापार अधिनियम की धारा 4 एवं 5 के तहत 10-10 साल कैद की सजा और अपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए 10-10 साल कैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जुर्माने की राशि नहीं जमा करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी. इन सभी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 दिसंबर को दोषी करार दिया गया था और सजा सुनाने के लिए 21 दिसंबर की तिथि तय की थी. राजबल्लभ प्रसाद लालू-राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. अभी वह राजद से निलंबित हैं.
अभियोजन व बचाव पक्ष से हुई थीं 37 की गवाही
इस मामले में विशेष जज परशुराम सिंह यादव ने आरोपपत्र पर दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था. दोनों पक्षों के करीब चार माह तक गवाही हुई थी. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 22, जबकि बचाव पक्ष की ओर से 15 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी थी. गवाही बिहारशरीफ सिविल कोर्ट में एडीजे वन में हुई थी. इसके बाद इस मामले को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया.
विशेष अदालत में भेजे गये थे सभी रिकाॅर्ड
दुष्कर्म मामले में 15 सितंबर, 2016 को बिहारशरीफ कोर्ट में गवाही शुरू हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश एवं एमपी-एमएलए कोर्ट गठित करने के बाद इस मामले से संबंधित सभी रिकाॅर्ड पटना की विशेष अदालत को भेज दिये गये थे.
बिहारशरीफ जेल से बेऊर जेल ट्रांसफर
बिहारशरीफ जेल में बंदी के दौरान विधायक पर अन्य बंदियों को भोज देने का आरोप लगा था. इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद तत्कालीन जेलर समेत कई पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरी थी. तब जेल में बंद रहने के दौरान पिता की मृत्यु के बाद पेरोल पर राजबल्लभ नवादा पहुंचे थे, लेकिन इसके बाद उन्हें बिहारशरीफ जेल से पटना बेऊर जेल ट्रांसफर कर दिया गया था.
  • तीन अन्य को 10-10 साल कैद
  • 15 दिसंबर को दोषी करार दिया गया था
  • बर्थडे पार्टी के बहाने अपने आवास पर बुलवाया, शराब पी, फिर किया दुष्कर्म
पीड़िता बिहारशरीफ में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही थी. 6 फरवरी, 2016 की शाम में बर्थडे पार्टी में चलने की बात कहकर सुलेखा देवी व उसकी मां राधा देवी उसे राजबल्लभ के नवादा के पथरा इंग्लिश स्थित मकान में लेकर चली गयी. पीड़िता के अनुसार वहां सुलेखा ने राजबल्लभ के साथ शराब पी. पीड़िता
को भी जबरन शराब पिलाने का प्रयास किया गया. इसके बाद राजबल्लभ के बॉडीगार्ड ने पीड़िता को कमरे में धकेल दिया. इसके बाद वहां पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ. पीड़िता एवं उनके परिजनों के बयान पर इस मामले में बिहारशरीफ महिला थाने में 9 फरवरी, 2016 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
इस मामले में 20 अप्रैल, 2016 को आरोपपत्र दायर हुआ. अदालत ने सभी आरोपितों के विरुद्ध 6 सितंबर, 2016 को आरोप गठित कर दिया.
राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द की थी : हाईकोर्ट ने इस मामले में 30 सितंबर को राजबल्लभ को जमानत दे दी थी. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
इस पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने राजबल्लभ प्रसाद को हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया था, जिसके बाद उसको दोबारा सरेंडर करना पड़ा था.
राजबल्लभ की जायेगी विधायिकी
प्रावधान के अनुसार उम्रकैद की सजा होने के बाद अब राजबल्लभ की िवधायकी रद्द हो जायेगी. इसके पहले विधायक इलियास हुसैन की अलकतरा घोटाले में और एक अन्य मामले में रामनरेश यादव को दोषी करार दिये जाने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी है.
पहले मौजूदा विधायक जिन्हें रेप मामले में सजा
राजबल्लभ प्रसाद बिहार के पहले एेेसे विधायक हैं िजन्हें पद पर रहते हुए रेप मामले में सजा सुनायी गयी. इससे पहले 90 के दशक में विधायक योगेंद्र सरकार पर रेप का आरोप लगा था. लेकिन, सजा उन्हें तब सुनायी गयी जब वे पूर्व हो गये.

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