बिहार : NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय, भाजपा-जदयू 17-17 सीटों पर तो LJP 6 सीटों पर लड़ेगी

नयी दिल्ली/पटना :लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग पर बीते कई दिनों से जारी कलह पर आज अंतत: विराम लग गया. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के 10 दिसंबर को एनडीए से अलग होने और लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान के दबाव के बाद अखिरकर बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2018 11:26 AM

नयी दिल्ली/पटना :लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग पर बीते कई दिनों से जारी कलह पर आज अंतत: विराम लग गया. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के 10 दिसंबर को एनडीए से अलग होने और लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान के दबाव के बाद अखिरकर बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के फॉर्मूला पर आम सहमति बन गयी. सीट बंटवारे को लेकर रविवार को दिल्ली में एनडीए के प्रमुख नेताओं की बैठक के बाद सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की औपचारिक घोषणा कर दी गयी. इसके तहत भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर और रामविलास पासवान की लोजपा 6 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

पासवान बीजेपी के कोटे से जायेंगे राज्यसभा

रविवार को दिल्ली में भाजपा, लोजपा व जदयू की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की गयी. सीट शेयरिंग की घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की. अमित शाह ने यह भी कहा कि इन सीटों के अलावे बीजेपी असम में अपने कोटे की राज्यसभा सीट सहयोगी पार्टी को देगी. इस सीट से एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान राज्यसभा जायेंगे. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बिहार के लिए तय कर लिया गया है. तीनों पार्टियों के आम सहमति से यह फैसला लिया गया है. बहुत जल्द ही यह भी तय हो जायेगा की कौन किस सीट से लड़ेगा. इस दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वोपरि हैं. उनके घोषणा के बाद अब कहने को कुछ भी नहीं बचा है. हमारी पूरी कोशिश होगी की बिहार में एनडीए लोकसभा चुनाव में 2009 से भी ज्यादा सीट लाये. ज्ञात हो कि 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को 40 में से 32 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी सीट बंटवारे के फॉर्मूला का स्वागत किया.

पहले दोनों दलों के नेताओं के बीच हुईथी बैठक

विदित हो कि गुरुवार को लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और चिराग पासवना ने बिहार भाजपा के प्रभारी भुपेंद्र यादव से मुलाकात की थी. उसके बाद तीनों नेता भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पहुंचे थे. जहां, वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थें. हालांकि, इस बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. जिसके बाद शुक्रवार को लोजप नेता रामविलास पासवान और चिराग पासवान की भाजपा नेता अरुण जेटली से मुलाकात की थी. जिसके बाद ये खबर आयी थी कि मामला सुलझा लिया गया और शनिवार को इसकी घोषणा कर दी जायेगी. लेकिन पासवान के दिल्ली में न होने के कारण इसे रविवार तक टाल दिया गया.

उधर, शनिवार को दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गतिविधियां दिन भर बनी रही. दोपहर में वे 5 अशोका रोड में अंजनी कुमार सिंह की पुत्री अपूर्वा सृष्टि के शादी समारोह में शामिल हुए. साथ ही यह भी खबर आयी कि कौन, कहां से लड़ेगा इसे लेकर नीतीश कुमार ने भी अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की है.

LJP ने दिया था अल्टिमेटम

बढ़ते विवाद के बीच लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान ने कहा था कि हम छोटी पार्टी हैं. हमें तैयारी के लिए समय चाहिए. इसलिए हम चाहते हैं कि यह मामला जल्द से जल्द सुलझ जाये. इससे पहले मंगलवार को लोजपा के नेता चिराग पासवान ने दो ट्वीट लीख कर अपना रुख साफ किया. चिराग ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है, गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात हुई, परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है. चिराग पासवान ने अपने एक अन्य में ट्वीट में लिखा, ‘टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद यह गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है. ऐसे समय में भाजपा गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीके से दूर करें.’

जिसके बाद रामविलास पासवान के भाई और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को पटना में बकायदा पत्रकार वार्ता कर बीजेपी को 31 दिसंबर तक सीट शेयरिंग का काम पूरा कर लेने की चेतावनी दी थी. पारस ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी को 7 सीटों में एक भी कम मंजूर नहीं है. पशुपति पारस ने कहा कि बीते चार सालों में पार्टी का विस्तार हुआ है और इसके नेताओं की लोकप्रियता भी बढ़ी है. इसलिए हम बिहार के साथ ही झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी लोकसभा चुनाव में सीटों की मांग करते हैं. इसके साथ ही चिराग पासवान के चाचा और बिहार सरकार में मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे के ट्वीट को बिल्कुल सही बताया था.

2014 चुनाव का हाल

गौरतलब हो कि हाल ही में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से अलग हो गये है. बिहार में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा महागठबंधन में शामिल हो गयी है. गुरुवार को रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने इसका आधिकारिक ऐलान किया. कुशवाहा लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से नाराज चल रहे थे. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव बिहार में भाजपा, लोजपा और रालोसपा मिल कर चुनाव लड़े थे. लोजपा को कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और छह पर उसे जीत मिली थी. वहीं रालोसपा तीन पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी.

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