एनडीए में सीट शेयरिंग पर समझौते से बिहार में इस दल को पहुंचा फायदा
नयी दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में भाजपा और उसके प्रमुख सहयोगी दलों जदयू और लोजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर रविवार को आखिरकार सहमति बन गयी. सीटों की संख्या को लेकर हुये समझौते को अंतिम रूप देते हुये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की कि बिहार में लोकसभा की […]
नयी दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में भाजपा और उसके प्रमुख सहयोगी दलों जदयू और लोजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर रविवार को आखिरकार सहमति बन गयी. सीटों की संख्या को लेकर हुये समझौते को अंतिम रूप देते हुये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से भाजपा और जदयू 17-17 तथा लोजपा6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पासवान को जल्द ही राज्यसभा भेजा जायेगा.
पासवान जल्द जायेंगे राज्यसभा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्रीसहजदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की मौजूदगी में यह घोषणा की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के साथ एक संक्षिप्त बैठक के बाद अमित शाह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जितना जल्दी हो सके पासवान को राज्यसभा भेजा जायेगा.
समझौते से लोजपा को फायदा
अमित शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए पिछली बार से अधिक यानि 31 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगा और इसके साथ ही उन्होंने पूर्ण विश्वास जताया कि यह गठबंधन 2019 में फिर से सत्ता में आयेगा. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीट है. इस समझौते से लोजपा को फायदा पहुंचा है. पार्टी को कम सीटें मिलने के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन, गठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली रालोसपा के निकलने के बाद मौके का फायदा उठाते हुये लोजपा अपने तेवर कड़े करते हुये भाजपा के साथ बेहतर सौदा करने में कामयाब रही, जिसके चलते उन्हें छह सीट मिल गयी.
जदयू को भी भाजपा के बराबर खड़ा होने का मिला मौका
नीतीश कुमार भी भाजपा को अपनी महत्ता समझाने में कामयाब रहे, जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में अब उनको भाजपा के बराबर खड़ा होने का मौका मिल गया, उनकी झोली में कुछ वे सीटें भी आ गयी हैं, जिसपर 2014 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. भाजपा को अब जीती हुई अपनी 22 सीटों में से कम-से-कम पांच सीटों को जदयू के लिए छोड़ना पड़ेगा. जदयू ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था और सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिल पायी थी, जबकि लोजपा ने छह सीट अपने नाम की थी.
लोकसभा क्षेत्रों के बंटवारे पर जल्द होगा निर्णय : शाह
अमित शाह ने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी दल जल्द ही लोकसभा क्षेत्रों के बंटवारे पर निर्णय लेंगे. यहां से पार्टियां 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारेंगी. रविवार को इस मौके पर राम विलास पासवान ने कहा कि गठबंधन में कभी कोई समस्या नहीं थी, वे मोदी के नेतृत्व में पांच सालों से ‘‘राजग के पेड़’ को सींच रहे हैं व उसको मजबूत बनाया है.
देश में फिर से मोदी के नेतृत्व में बनेगी सरकार : पासवान
गौरतलब है कि पासवान के बेटे चिराग ने अपने बयानों से खलबली मचा दी थी जिसे भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ माना जा रहा था. रामविलास पासवान ने कहा कि देश में फिर से मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. दलित नेता ने अपनी पार्टी और भाजपा के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी धन्यवाद किया.
2019 में एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहेगा : नीतीश
सीट बंटवारे से खुश नजर आने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि 2009 में जब परिणाम राजग के खिलाफ थे तब भी बिहार में राजग को 40 में से 32 सीटें मिली थी. उन्होंने कहा, ‘‘इस बार तो हम उससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे.’ वह 2009 में भाजपा के सहयोगी थे लेकिन 2013 में अलग हो गये. 2017 में वह फिर से राजग में लौट आये.
शाह ने नीतीश और पासवान को दिया धन्यवाद
बाद में शाह ने ट्वीट किये कि प्रगतिशील और समृद्ध भारत के लिए मजबूत राजग की जरूरत है. उन्होंने इसे मजबूत बनाने के लिए नीतीश कुमार और पासवान को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू- लोजपा गठबंधन लोगों की आकांक्षाओं का गठबंधन है. उन्होंने बिहार में महागठबंधन को अवसरवादी बताया और दावा किया कि बिहार के लोग राजग की विकास समर्थक राजनीति के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में शानदार बहुमत हासिल करेंगे और बड़ी जीत के साथ केंद्री की सत्ता में लौटेंगे.’
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