जदयू को मिलेगी मधेपुरा, पूर्णिया, नालंदा समेत ये 17 सीटें

पटना : सीटों के बंटवारे में जदयू को मधेपुरा, नालंदा, पूर्णिया और सुपौल समेत 17 सीटें मिलेंगी. महागठबंधन के फाॅर्मूले की तर्ज पर जदयू वैसी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जहां पिछड़ी-अतिपिछड़ी जाति के मतदाताओं की बहुलता होगी. जदयू को जिन सीटों को मिलने की चर्चा है, उनमें मौजूदा दो सीटें नालंदा और पूर्णिया के अलावा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2018 7:50 AM
पटना : सीटों के बंटवारे में जदयू को मधेपुरा, नालंदा, पूर्णिया और सुपौल समेत 17 सीटें मिलेंगी. महागठबंधन के फाॅर्मूले की तर्ज पर जदयू वैसी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जहां पिछड़ी-अतिपिछड़ी जाति के मतदाताओं की बहुलता होगी. जदयू को जिन सीटों को मिलने की चर्चा है, उनमें मौजूदा दो सीटें नालंदा और पूर्णिया के अलावा मधेपुरा, जहानाबाद, सीतामढ़ी, दरभंगा, महाराजगंज, सुपौल, वाल्मीकि नगर, मुंगेर, आरा सीटें प्रमुख हैं. मधेपुरा जदयू की पारंपरिक सीट रही हैं.
यहां से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव निर्वाचित होते आये हैं. वहीं, 2014 के चुनाव में सुपौल में जदयू दूसरे स्थान पर रहा था. इस सीट पर कांग्रेस की रंजीत रंजन की जीत हुई थी और भाजपा के कामेश्वर चौपाल तीसरे स्थान पर रहे थे. मिथिलांचल की दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर में से एक सीट दरभंगा जदयू को दी जायेगी.
यहां से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा जदयू कोटे से एनडीए के उम्मीदवार होंगे. जदयू के खाते में महाराजगंज, गोपालगंज और सासाराम की सीटें भी आने के कयास लगाये जा रहे हैं. महाराजगंज की सीट पर जदयू ने उमाशंकर सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में पीके शाही को अपना उम्मीदवार बनाया था.
सीटों के बंटवारे को लेकर जदयू का यह तर्क रहा है कि 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में उसे भी अपनी करीब 22 मौजूदा सीटें गवानी पड़ी थी. जबकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और भाजपा ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिये. फिलहाल जदयू 17 सीटों को चिह्नित करने की तैयारी में लगा है.

Next Article

Exit mobile version