पटना : सिक्के लेने में बैंकों की फिर मनमानी, कह रहे- जमा सिक्के को रिजर्व बैंक नहीं ले रहा वापस
पटना : रिजर्व बैंक की लगातार सख्त चेतावनी के बावजूद ज्यादातर बैंक आम ग्राहकों से छोटे सिक्के लेने में मनमानी कर रहे हैं. इससे ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही हैं. दूसरी ओर कटे-फटे नोट बदलने वाले दलाल बैंकों के पास सक्रिय है. दलाल 20-25% तक कमीशन पर सिक्के ले रहे हैं. बैंक अधिकारियों का […]
पटना : रिजर्व बैंक की लगातार सख्त चेतावनी के बावजूद ज्यादातर बैंक आम ग्राहकों से छोटे सिक्के लेने में मनमानी कर रहे हैं. इससे ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही हैं. दूसरी ओर कटे-फटे नोट बदलने वाले दलाल बैंकों के पास सक्रिय है. दलाल 20-25% तक कमीशन पर सिक्के ले रहे हैं. बैंक अधिकारियों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने तो सिक्के लेने के लिए बैंकों को आदेश जारी कर दिया. लेकिन, जमा सिक्के को रिजर्व बैंक वापस नहीं ले रहा है. फिलहाल सिक्के स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार न तो सार्वजनिक और न ही प्राइवेट बैंक ग्राहकों से सिक्के स्वीकार कर रहे हैं. शिकायत करने की बात कहने पर एक-दो ग्राहकों के सिक्के स्वीकार कर रहे हैं. जो बैंक सिक्के स्वीकार कर रहे हैं, वे क्वाइन एक्ट की बात कह सीमित सिक्के ले रहे हैं जबकि एक्ट में सीमा निर्धारित नहीं है.
स्टेट बैंक ने खोले थे विशेष काउंटर
नोटबंदी के बाद अपने ग्राहकों से हर मूल्य वर्ग के सिक्के स्वीकार करने के लिए राजधानी में तीन विशेष काउंटर खोले गये थे. जहां सिक्के तौलने के लिए मशीन व विशेष कर्मचारी की नियुक्त की गयी. लेकिन, पिछले माह से विशेष काउंटर को बंद कर दिया गया है. इससे आम ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबकि, बड़े कारोबारियों के सिक्के स्वीकार किये जा रहे हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक खातों में सिक्के जमा करने की कोई सीमा नहीं है.
– रिजर्व बैंक जमा सिक्कों को डिस्पोजल नहीं करेगा, तब तक सिक्के स्वीकार करना मुश्किल
रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार बैंकों को सिक्के गिनने में परेशानी हो तो मशीन लगायें. दूसरी ओर बैंक शाखा प्रबंधकों का तर्क है कि मैनपावर, कारोबार पर असर और सिक्के रखने की जगह नहीं होने से सिक्के नहीं ले पा रहे हैं.
कई बैंक शाखाएं ऐसी है, जहां सिक्के के बैग इधर-उधर पड़े हुए हैं. जब तक रिजर्व बैंक उन सिक्कों को डिस्पोजल नहीं करेगा, तब तक सिक्के स्वीकार करना मुश्किल है. उधर, रिजर्व बैंक के अधिकारियों का कहना है कि सिक्के को चलन में रखने के लिए बैंकों को अपने ग्राहकों को भी एक सीमा तक सिक्के देना चाहिए. एक वक्त लोग सिक्कों की मांग करते थे. आज जब सिक्के बाजार में पर्याप्त हैं, तो स्वीकार करने से परहेज कर रहे हैं.
सीनियर सिटीजन के जीवन प्रमाणपत्र स्वीकार करने के कारण बैंक की शाखाओं पर अतिरिक्त दबाव था. इस कारण विशेष काउंटर और शाखाओं में सिक्के स्वीकार करने का कार्य तत्काल बंद किया गया है. जल्द ही यह सेवा बहाल कर दिया जायेगा.
एमके सिंह, सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क), स्टेट बैंक