पटना : मुजफ्फरपुर में लेदर, लाह उद्योग व लीची में हो रिसर्च

जिला विकास योजना की हुई विशेष बैठक, मुख्यमंत्री बोले पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मुजफ्फरपुर में लेदर उद्योग के विकास और प्रसार की काफी क्षमता है. इस क्षेत्र में रिसर्च होना चाहिए, यहां के लेदर सेक्टर की स्टडी करने पर कई चीजें निकलकर सामने आयेंगी. मुजफ्फरपुर के लेदर की क्वालिटी काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2018 9:02 AM
जिला विकास योजना की हुई विशेष बैठक, मुख्यमंत्री बोले
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मुजफ्फरपुर में लेदर उद्योग के विकास और प्रसार की काफी क्षमता है. इस क्षेत्र में रिसर्च होना चाहिए, यहां के लेदर सेक्टर की स्टडी करने पर कई चीजें निकलकर सामने आयेंगी. मुजफ्फरपुर के लेदर की क्वालिटी काफी अच्छी है. यहां से ही लेदर एकत्र होकर चेन्नई जाता है. यहां की शाही लीची और लहठी की भी विशेष पहचान है. पटना एयरपोर्ट के विशिष्ट अतिथि कक्ष में जिला विकास योजना की विशेष बैठक में सीएम हिस्सा ले रहे थे. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु कर रहे थे.
बैठक में यह बात सामने आयी कि मुजफ्फरपुर में मछलीपालन, मधु उद्योग, कृषि, सेवा, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग जैसे आठ अलग-अलग क्षेत्रों का चयन कर काम शुरू किया गया है. आईआईएम के प्रोफेसर ने बताया कि इस क्षेत्र के विकास के लिए दो चरणों में काम शुरू किया गया है. इस प्रोजेक्ट का पहला चरण अब खत्म होने वाला है. दूसरा चरण नौ महीने का है. इस दौरान चयन किये गये क्षेत्रों के लिए विभिन्न जिलों के लिए आंकड़े तैयार किये जायेंगे.
आईआईएम के एक्सपर्ट ने बताया कि मुजफ्फरपुर की सालाना अर्थव्यवस्था 10 हजार करोड़ की है, जो सालाना करीब साढ़े चार प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर रहा है.
ऐसी स्थिति में मुजफ्फरपुर की आर्थिक विकास दर बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. इसे बढ़ाकर आठ फीसदी के करीब करने के लिए अगले तीन-चार वर्षों में कृषि, मछली पालन, डेयरी, गार्मेट समेत अन्य लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए खासतौर से रणनीति तैयार की जा रही है. विशेषज्ञों ने बताया कि सहकारिता की कार्य-संस्कृति में बदलाव लाने के साथ ही उसे अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है. केंद्रीय उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वे कृषि, उद्योग, सेवा जैसे क्षेत्रों में निचले स्तर पर काम करवाना चाहते हैं.
जो किसान खेती नहीं करना चाहते, उन्हें कौशल विकास के काम में लगाया जाये. जिले में ‘कुछ करने के लिए अवसर’ मुहैया कराने की मुहिम की जल्द ही शुरुआत होनी चाहिए. तीन से चार प्रतिशत तक की जीडीपी बढ़ाने के लिए खासतौर से रणनीति तैयार की जा सके.
देश के छह जिलों में मुजफ्फरपुर शामिल : वर्ष 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था के लगभग 5 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. इसके लिए यह जरूरी है कि सतत विकास की गति को बरकरार रखी जाये. आईआईएम और नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च को इसकी जवाबदेही दी गयी है, जो चयनित जिलों के लिये नीतियों के क्रियान्वयन पर कार्य करता है. केंद्र सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के पांच राज्यों के छह जिलों का चयन किया है.
इसमें मुजफ्फरपुर के अलावा वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विशाखापतनम (आंध्र प्रदेश), सिन्धु दुर्ग (महाराष्ट्र), रत्नागिरी (महाराष्ट्र) एवं सोलन (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं. बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, विधायक अरुण सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा आिद मौजूद थे.

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