पटना : राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की बहाली के लिए जल्द ही एक विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन होगा. इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है. आगामी एक महीने में इसके पूर्ण स्वरूप में आ जाने की संभावना है.
तकरीबन 18-19 साल पहले इस तरह का आयोग स्वरूप में था, लेकिन उसका कई कारणों से विघटन हो गया. इसके बाद से यह पहला मौका है, जब नये सिरे से राज्य में विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन किया जा रहा है. इसके संचालन से संबंधित नियमावली शिक्षा विभाग ने तैयार कर ली है. इस पर विधि एवं वित्त विभाग की मंजूरी भी मिल चुकी है. अब कैबिनेट की मुहर लगनी है, जिसके बाद यह आयोग काम करने लग जायेगा. हालांकि इसके सुचारु ढंग से कार्य करने में करीब एक महीने का समय लगने की संभावना है.
अधिकतम छह सदस्य होंगे : आयोग में एक अध्यक्ष का पद होगा और अधिकतम छह सदस्य बनाये जा सकते हैं. मुख्य सचिव रैंक के रिटायर्ड अधिकारी या किसी नामचीन शिक्षाविद को अध्यक्ष बनाया जा सकता है. मुख्य सचिव रैंक के कोई कार्यरत अधिकारी भी इसके अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं.