पटना : 60 वर्ष तक सेवा दे सकेंगे अक्षर आंचल योजना से जुड़े शिक्षा सेवक

पटना : अक्षर आंचल योजना से जुड़े शिक्षा सेवकों और तालिमी मरकज सेवकों को राज्य सरकार ने नव वर्ष के मौके पर बड़ी सौगात दी है. अब उनकी सेवा 60 वर्ष तक के लिए विस्तारित कर दी गयी है. यानी वे सरकारी कर्मियों की तरह ही 60 वर्ष पूरा होने पर रिटायर होंगे. इसकी पुष्टि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 9:24 AM
पटना : अक्षर आंचल योजना से जुड़े शिक्षा सेवकों और तालिमी मरकज सेवकों को राज्य सरकार ने नव वर्ष के मौके पर बड़ी सौगात दी है. अब उनकी सेवा 60 वर्ष तक के लिए विस्तारित कर दी गयी है. यानी वे सरकारी कर्मियों की तरह ही 60 वर्ष पूरा होने पर रिटायर होंगे. इसकी पुष्टि शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने करते हुए कहा कि इन्हें भी नियोजित शिक्षकों की तर्ज पर सेवा-शर्त की सुविधाएं देने पर गंभीरतापूर्वक कार्य किया जा रहा है.
सेवा विस्तार के अलावा इन्हें कर्मचारी भविष्य निधि की योजना से भी जोड़ा जायेगा. सरकार वेतन के अलावा प्रत्येक महीने 12 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि ईपीएफ में जमा करेगी. साथ ही 12 प्रतिशत की राशि कर्मियों के मानदेय से काटकर भी ईपीएफ खाता में जमा की जायेगी. इसके लिए सभी कर्मियों का ईपीएफ खाता खोला जायेगा. इस पहल से कर्मचारी भविष्य निधि में एक अच्छी राशि जमा हो सकेगी और सेवानिवृत्त होने पर इन्हें अच्छी राशि मिलेगी.
लाभ 2019 के बाद
इस पहल से खासतौर से महादलित, दलित और अल्पसंख्यकों की साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए चल रही अक्षर आंचल योजना से जुड़े सभी कर्मियों की सक्रियता बढ़ेगी. इस पहल का लाभ जनवरी 2019 के बाद से कार्यरत सभी कर्मियों को मिलेगा. इनकी संख्या वर्तमान में करीब 28 हजार है और इन्हें प्रत्येक महीने आठ हजार रुपये मानदेय के रूप में मिलता है.
पहले ये सभी कर्मी अस्थायी तौर पर तैनात थे. प्रत्येक वर्ष इन्हें सेवा विस्तार मिलता था. किसी कारण या सेवा संतुष्ट नहीं होने पर या किसी अन्य मामले में इन्हें जिला स्तर के अधिकारियों को बीच में भी हटाने का अधिकार था. अब इन्हें नियोजित शिक्षकों की तरह तमाम नियम-कायदा का पालन करते हुए पद से हटाने के लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी.

Next Article

Exit mobile version