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खुशखबरी : रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ के बढ़ सकते हैं 30 फीसदी वेतन व अन्य भत्ते, सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की संभावना

पटना / दिल्ली : सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि में संशोधन की मांग के बीच रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गठित समिति की स्वीकृति मिलने पर रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ की सैलरी में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके टिकट […]

पटना / दिल्ली : सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि में संशोधन की मांग के बीच रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गठित समिति की स्वीकृति मिलने पर रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ की सैलरी में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके टिकट चेकिंग स्टाफ के पेंशन में वृद्धि होने की भी संभावना है.

जानकारी के मुताबिक, भारतीय रेलवे में टिकट चेकिंग स्टाफ को ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा नहीं है. आज से करीब 87 साल पहले वर्ष 1931 में स्वतंत्रता सेनानियों को ट्रेनों में सीट दिलवाने और उनके सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के आरोप में अंगरेजों द्वारा ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा वापस ले लिया गया था. रेलवे अधिकारी के मुताबिक, रेलवे मंत्रालय ने इस मामले पर फैसले के लिए तीन सदस्यीय एक समिति बनायी है. सरकार द्वारा गठित समिति यदि ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा दिये जाने की स्वीकृति दे देती है, तो टिकट चेकिंग स्टाफ को भी ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा हासिल हो जायेगा.

क्या-क्या होगा फायदा?

टिकट चेकिंग स्टाफ को ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा हासिल होने पर ट्रेन संचालन में मदद करनेवाले रनिंग स्टाफ दर्जा प्राप्त लोको ड्राइवर, सहायक लोको ड्राइवर, गार्ड, ब्रेकमैन समेत अन्य कर्मियों की तरहटिकट चेकिंग स्टाफ को भी रेलवे की ओर से लाभ मिलने लगेंगे. टिकट चेकिंग स्टाफ को ज्यादा भत्ते मिलने लगेंगे. उन्हें एसी कमरे की सुविधा मिलने लगेगी. साथ ही करीब 30 फीसदी अधिक वेतन के साथ-साथ प्रतिदिन मिलनेवाले भत्ते में भी बढ़ोतरी हो सकती है. मालूम हो कि ट्रेन ड्राइवरों को केवल 10 घंटे की शिफ्ट में काम करना होता है. ट्रेन के देरी से चलने पर भी उन्हें ‘राहत’ दी जाती है. साथ ही खाने बनानेवाले और उन्हें समय से उठाने के लिए कर्मचारी भी मिलते हैं. टिकट चेकिंग स्टाफ को अभी दैनिक भत्ते के रूप में 400 से 500 रुपये मिलते हैं. रनिंग स्टाफ की तुलना में उनकी पेंशन भी करीब 5,000 से 6,000 रुपये कम है. रेलवे अधिकारी के मुताबिक, ‘‘1947 में विभाजन के बाद टिकट चेकिंग स्टाफ को 1962 में पाकिस्तान और 2004 में बांग्लादेश में ‘रनिंग स्टाफ’ का दर्जा दिये जाने के साथ अन्य लाभ भी दिये गये. मालूम हो कि भारत में इसी साल सितंबर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित करीब सौ सांसदों ने ‘रनिंग स्टाफ’ की स्थिति में सुधार के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख चुके हैं.

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