लालू के ”लाल” तेज प्रताप का फुलवारीशरीफ थाने पर हाई वोल्टेज ड्रामा, पढ़ें… पूरा मामला

पटना :राजदसुप्रीमो लालूप्रसाद यादव केबड़ेबेटे एवं पूर्व स्वास्थ्यमंत्री तेज प्रताप यादव के नेतृत्व मेंआज पार्टीसमर्थकों व कार्यकर्ताओं ने पटनामें फुलवारीशरीफ थाने का घेराव किया.तेजप्रतापनेआरोपलगातेहुए कहा कि जनता दरबार के दौरानएक महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की बात कहने पर फुलवारीशरीफथाना के एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. एसएचओ के व्यवहार पर भड़के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 3:54 PM

पटना :राजदसुप्रीमो लालूप्रसाद यादव केबड़ेबेटे एवं पूर्व स्वास्थ्यमंत्री तेज प्रताप यादव के नेतृत्व मेंआज पार्टीसमर्थकों व कार्यकर्ताओं ने पटनामें फुलवारीशरीफ थाने का घेराव किया.तेजप्रतापनेआरोपलगातेहुए कहा कि जनता दरबार के दौरानएक महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की बात कहने पर फुलवारीशरीफथाना के एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. एसएचओ के व्यवहार पर भड़के तेज प्रताप अपने समर्थकों के साथ थाने पर पहुंच गये और धरना पर बैठ गये. इस दौरान उन्होंने एचएसओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.

तेज प्रताप यादवनेअारोप लगाते हुए कहा कि जब वह थाने में पहुंचे तोउन्होंने थाना परिसर में शराब की बोतल भी देखी. जिसकी शिकायत करने के उद्देश्य से उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन भी किया. हालांकि, उनके पटना में नहीं होने के कारण उनकी इस बारे में उनकी बातचीत नहीं हो पायी. जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ थाने में धरना पर बैठ गये. दरअसल, जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान एक महिला फुलवारीशरीफ थाना में शिकायत दर्ज नहीं किये जाने की फरियाद लेकर तेज प्रताप के पास पहुंची. तेज प्रताप ने महिला की फरियाद पर थाने में फोन कर मामले की जानकारी लेने के साथ ही मामला दर्ज नहीं किये जाने के पीछे का कारण जानना चाहा. उनका आरोप है कि इसी दौरान एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. फिर तेजप्रताप समर्थकों के साथ थाना पहुंचे और धरना पर बैठ गये.

वहीं, जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप के धरना पर बैठने की घटना के बाद थाने में महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. इसी बीच तेज प्रताप के मामा साधु यादव भी उनके समर्थन में फुलवारीशरीफ थाना पहुंच गये. उधर, तेज प्रताप एसएचओ के खिलाफ कार्रवाईकीअपने मांग अड़े रहे. बाद में पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त किया.

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