पटना : बिहार के औरंगाबाद में बीजेपी एमएलसी राजन सिंह के चाचा की हत्या ने सियासी गलियारे में हड़कंप मचा दिया है. सियासी गलियारों में नक्सली गतिविधियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गयी हैं. घटना को लेकर एक तरफ जहां नक्सल गतिविधियों से जोड़ कर देखा जा रहा है. वहीं, एनडीए के नेताओं ने इसे नक्सली घटना से अलग बड़ी साजिश करार दी है. जबकि, पुलिस इसे नक्सलियों का करतूत मान रही है. इस घटना में न केवल बीजेपी एमएलसी के चाचा की हत्या की गयी, बल्कि कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. निर्माणाधीन सामुदायिक भवन को भी ब्लास्ट के जरिये उड़ा दिया गया है.
बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने घटना को दुखद बताया है. साथ ही ये भी आश्वासन दिया है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी. चौरसिया ने कहा कि बिहार में भी हाल के दिनों में नक्सल गतिविधियां नहीं देखी गयी है. क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार ने नक्सलवाद पर अंकुश लगाया है. ऐसे में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही जेडीयू नेता संजय सिंह ने राजद पर बड़ा आरोप लगाया है. संजय सिंह ने कहा कि इस घटना में RJD का हाथ है. उन्होंने RJD को नक्सलियों का बताया स्पॉन्सर तक कह डाला. संजय ने कहा कि इस घटना से नीतीश सरकार को बदनाम करने की साजिश है.
दूसरी ओर, इस पूरे मामले पर आरजेडी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि नीतीश सरकार अपराधियों के आगे नतमस्तक हो चुकी है और अपराधी नीतीश कुमार के सिर चढ़ कर बोल रहे हैं. खुद डीजीपी ने भी बिहार में बढ़ते अपराध की बात स्वीकारी है.
जीतनराम मांझी ने नक्सलियों को बताया ‘भाई’
औरंगाबाद में नक्सली हमले में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. वहीं, इस घटना पर इस घटना पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान देकर सनसनी मचा दी है. मांझी ने नक्सलियों को ‘भाई’ बताया है. मीडिया रिपोर्टस में चल रही खबरों के मुताबिक मांझी ने कहा है कि नक्सली हमारे भाई ही हैं. बंदूक की नोक से नक्सलवाद से निबटा नहीं जा सकता. मांझी ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ सरकार की ओर से कमजोर कार्रवाई नहीं की जा रही, लेकिन इसके बावजूद भी नक्सल आंदोलन चल रहे हैं. मांझी ने कहा कि अगर कोई भाई खिलाफत कर रहा है तो बड़े भाई को यह सोचना पड़ेगा कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है. दलित गरीबों के बीच से ही लोग नक्सली क्यों बन रहे हैं, यह भी सोचना होगा. जब तक शिक्षा कृषि के क्षेत्र में इस समाज के लिए बेहतर काम नहीं होगा तब तक हालात नहीं सुधरेंगे. वंचित तबके को शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक हिस्सेदारी की जरूरत है और इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. नक्सलियों को रोकने के लिए इसके मूल कारण में जाना होगा. हालांकि, मांझी ने यह माना कि बिहार में नक्सलवाद कमजोर जरूर हुआ है.
गौरतलब हो कि शनिवार देर रात बिहार के औरंगाबाद स्थित देव थाना क्षेत्र के सुदी बीघा गांव में एक ट्रांसपोर्टर के घर शनिवार देर रात नक्सलियों ने हमला कर दिया. इस दौरान नक्सलियों ने 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग की, जिसमें एक वृद्ध की मौत हो गयी. मृतक BJP के विधान पार्षद राजेंद्र कुमार सिंह के चाचा बताये जा रहे हैं. इस घटना में एक सामुदायिक भवन को भी विस्फोट कर उड़ा दिया गया है. नक्सलियों ने चार बसों समेत दस गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.