अब एफडी भी तोड़ रहे साइबर क्रिमिनल, बैंकों में डाटा मैनेजमेंट आउट सोर्सिंग से जुड़े लोग शक के घेरे में

सुरक्षित माना जाने वाला फिक्स डिपॉजिट (एफडी)और म्युचुअल फंड के पैसे भी साइबर क्रिमिनलों की वजह से सुरक्षित नहीं हैं. देश के कुछ हिस्सों में ऐसी घटना हो चुकी हैं, जहां साइबर क्रिमिनलों ने एफडी ऑनलाइन तोड़ कर पैसे उड़ा दिये हैं. यह वारदात दिल्ली में भी हो चुकी है. हालांकि बिहार में ऐसी घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2018 9:39 AM
सुरक्षित माना जाने वाला फिक्स डिपॉजिट (एफडी)और म्युचुअल फंड के पैसे भी साइबर क्रिमिनलों की वजह से सुरक्षित नहीं हैं. देश के कुछ हिस्सों में ऐसी घटना हो चुकी हैं, जहां साइबर क्रिमिनलों ने एफडी ऑनलाइन तोड़ कर पैसे उड़ा दिये हैं.
यह वारदात दिल्ली में भी हो चुकी है. हालांकि बिहार में ऐसी घटना सामने नहीं आयी है, लेकिन जिस तरह से साइबर क्राइम का प्लेटफाॅर्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार हो गया है उससे खतरा दिख रहा है. साइबर क्राइम के जानकारों का मानना है कि बैंक में लगातार बढ़ रही आउट साेर्सिंग से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. एटीएम से जुड़े तीन महत्वपूर्ण काम अाउट सोर्सिंग से ही हो रहा है. इसमें एटीएम में पैसा डालने, रुपये को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने और एटीएम में रखे हुए पैसों की सुरक्षा भी आउट सोर्स के माध्यम से पूरी की जा रही है. शक यह है कि आउट सोर्सिंग पर काम करने वाले लोगों को साइबर क्रिमिनल झांसे में लेकर महत्वपूर्ण जानकारियों को लेकर बैंक के ग्राहकों से पैसे उड़ा दे रहे हैं.
बैंक के नाम पर आने वाले कॉल से सतर्क रहें
बैंकिंग से जुड़े किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए सबसे पहले यह जान लें कि बैंक के नाम पर आने वाले कॉल से सतर्क रहें, कोई गोपनीय जानकारी फोन पर नहीं दें. किसी भी डाउट को क्लियर करने के लिए बैंक जाकर उच्चाधिकारियों से मिलें. व्हाट्सएप, मैसेंजर, एसएमएस, ओटीपी का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें. बैंकों की तरफ से लगातार यह जानकारी प्रेषित की जा रही है कि बैंक फोन पर ग्राहकों से कोई गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है.

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