कांग्रेस राज में 10 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ : नित्यानंद
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि कांग्रेस की पहचान ही भ्रष्टाचार है. कांग्रेस राज में हुए घोटाले का खामियाजा आज भी देश भुगत रहा है. कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की उपलब्धि है कि किसी पर भ्रष्टाचार का […]
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि कांग्रेस की पहचान ही भ्रष्टाचार है. कांग्रेस राज में हुए घोटाले का खामियाजा आज भी देश भुगत रहा है. कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की उपलब्धि है कि किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. उन्होंने कहा कि आगस्ता वेस्टलैंड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जवाब देना होगा. राय सोमवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
नित्यानंद राय ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस इतना क्यों घबरा रही है. 29 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय पटियाला कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है कि जांच में मिशेल ने मिसेज गांधी का नाम लिया है. मिशेल ने पूछताछ में कई नामों का उल्लेख किया है और साथ ही प्राप्त दस्तावेजों में कई शब्दों का इस्तेमाल कोड वर्ड के तौर पर किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस घोटाले के लिए जानी जाती है. देश में गरीबी, भ्रष्टाचार, जातिवाद, क्षेत्रीयता सबके लिए कांग्रेस दोषी है. घोटाले का असर हर क्षेत्र को प्रभावित करती है. कांग्रेस वेस्टलैंड मामले की जांच को भटका रही है. कांग्रेस ने देशहित की जगह परिवार हित पर ध्यान दिया. जांच प्रक्रिया को राजनैतिक रंग देनी जरूरी नहीं है. कांग्रेस राज में 10 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ.
भाजपाध्यक्ष ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड में नये खुलासे से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ही कोई फाइल अधिकारियों और मंत्रालयों के पास जाती थी वैसे ही उस फाइल की एक कॉपी मिशेल के पास भी पहुंच जाती थी. अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में में भ्रष्टाचार का मामला सबसे पहले इटली की कोर्ट में उठा था लेकिन कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की यूपीए दो की सरकार ने इटली की कोर्ट को न तो दस्तावेज उपलब्ध कराये और न ही जांच में कोई सहयोग दिया. इस बात से ही साबित होता है कि सोनिया-मनमोहन सरकार ने किसी खास मकसद से सच को छुपाने की साजिश की. मोदी सरकार अक्टूबर 2014 से ही ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले मामले में कार्रवाई कर रही है. 37 अरब के सौदे में 360 करोड़ की रिश्वतखोरी हुई है.