मिशन-2019 : शिवहर में महागठबंधन में दल और उम्मीदवार तय नहीं
पटना : लोकसभा चुनाव को लेकर शिवहर सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं अभी नहीं हुआ है. महागठबंधन में इस सीट को लेकर एक अनार-सौ बीमार वाली स्थिति बनती जा रही है. राजद के पूर्व मंत्री रघुनाथ झा के बेटे अजीत झा और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद […]
पटना : लोकसभा चुनाव को लेकर शिवहर सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं अभी नहीं हुआ है. महागठबंधन में इस सीट को लेकर एक अनार-सौ बीमार वाली स्थिति बनती जा रही है. राजद के पूर्व मंत्री रघुनाथ झा के बेटे अजीत झा और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद की दावेदारी है.
कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामदुलारी सिन्हा के बेटे मधुरेंद्र सिंह और युवा नेता मो असद के नाम की चर्चा है. वहीं, शरद यादव की पार्टी भी इस सीट पर अपना दावा जता रही है. इधर, एनडीए के भीतर यह सीट भाजपा में जाती दिख रही है. भाजपा की रमा देवी यहां से सांसद हैं. इनके अलावा पार्टी में राज्य सरकार में मंत्री राणा रणधीर सिंह के नाम के भी कयास लगाये जा रहे हैं.
शिवहर लोकसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाताओं की बहुलता है. ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाता भी थोक भाव में हैं. पिछले दो चुनावों से रमा देवी का यहां कब्जा है. 2014 और इसके पहले 2009 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर रमा देवी ने जीत हासिल की. 2014 के चुनाव में रमा देवी को 372506 वोट मिले. दूसरे नंबर पर राजद के अनवारूल हक थे, जिन्हें 236267 वोट मिले. तीसरे स्थान पर जदयू के शाहिद अली खान थे, जिन्हें 79108 वोट मिले थे.
पिछली बार राजद ने अनवारूल को बनाया था उम्मीदवार
पिछले चुनाव में राजद ने अनवारूल हक को उम्मीदवार बनाया था. जबकि, जदयू ने पूर्व मंत्री शाहिद अली खान को मैदान में उतारा था. इस बार शाहिद अली खान और अनवारूल हक दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं. जबकि, उनकी पार्टी जदयू एनडीए की बड़ी पार्टनर है. शिवहर लोकसभा सीट से पूर्व विदेश मंत्री हरिकिशोर सिंह और रामदुलारी सिन्हा भी सांसद निर्वाचित हुई हैं.
पहले आम चुनाव में मुजफ्फरपुर नाॅर्थ-इस्ट के नाम से यह इलाका जाना जाता था. 1957 के दूसरे आम चुनाव में पुपरी नाम से लोकसभा की सीट बनी. यहां से दिग्विजय नारायण सिंह चुनाव जीते. 1962 और 1967 के चुनाव में एसपी साहू यहां से सांसद बने. 1971 के चुनाव में हरिकिशोर सिंह को जीत हासिल हुई. 1977 के आम चुनाव में ठाकुर गिरिजानंदन सिंह, 1980 और 1984 में रामदुलारी सिन्हा तथा 1989 और 1991 में पुन: हरिकिशोर सिंह यहां से सांसद निर्वाचित हुए.
…1996 के चुनाव में समता पार्टी की टिकट पर आनंद मोहन यहां से चुनाव जीत गये. दो साल बाद हुए 1998 के चुनाव में आॅल इंडिया जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर आनंद मोहन दोबारा यहां से सांसद बने. 1999 के चुनाव में अनवारूल हक और 2004 में राजद के सीताराम सिंह को जीत मिली.