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बर्ड फ्लू की दहशत : आठ दिनों से बंद है जू, आर्ट कॉलेज कैंपस में दो और मरी चिड़ियां मिलीं

आज से खुल जायेगा कॉलेज पटना : पटना जू में बर्ड फ्लू से मोर पक्षियों की मौत के बाद आर्ट कॉलेज में पक्षियों की लगातार हो रही मौत से वहां के छात्र दहशत में हैं. लगातार तीसरे दिन भी दो चिड़ियों ने कॉलेज कैंपस में दम तोड़ दिया. उसमें एक कौआ और एक किसी अन्य […]

आज से खुल जायेगा कॉलेज
पटना : पटना जू में बर्ड फ्लू से मोर पक्षियों की मौत के बाद आर्ट कॉलेज में पक्षियों की लगातार हो रही मौत से वहां के छात्र दहशत में हैं. लगातार तीसरे दिन भी दो चिड़ियों ने कॉलेज कैंपस में दम तोड़ दिया. उसमें एक कौआ और एक किसी अन्य प्रजाति का पक्षी है. सबसे बड़ी बात यह है कि बुधवार से कॉलेज खुलने जा रहा है, लेकिन कॉलेज प्रशासन अभी इस दिशा में सुस्त गति से चल रहा है. कॉलेज व विवि प्रशासन निश्चिंत है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. प्राचार्य छुट्टी पर हैं. प्रभारी प्राचार्य प्राची कुमारी ने बताया कि कॉलेज बंद था, इसलिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. बुधवार को इस संबंध में कोई निर्णय लिया जायेगा.
बताते चलें कि मोर पक्षियों के मरने और बर्ड फ्लू फैलने की आशंका के बाद चिड़ियाघर पिछले आठ दिनों से बंद है. चिड़ियाघर के बाद चिड़ियों के मरने की सबसे अधिक सूचना आर्ट कॉलेज से ही आ रही है, लेकिन यहां कुछ नहीं हो रहा है.
कॉलेज बंद है कोई स्टाफ नहीं है. कॉलेज खुलने पर इस पर विचार होगा. अभी कोई स्पष्ट नहीं है कि यह बर्ड फ्लू ही है. ऊपर से कॉलेज कोई चिड़ियाघर नहीं है कि उसे ऐसे ही बंद कर दिया जाये. यहां चिड़ियों का जमावड़ा हो जाता है, क्योंकि पेड़ काफी हैं, अन्यथा चिड़ियां तो इधर-उधर से ही आ रही हैं. कॉलेज खुलने पर विवि को सूचना दी जायेगी.

– प्राची कुमार, प्रभारी प्राचार्य, आर्ट कॉलेज
आर्ट कॉलेज में चिड़ियों के मरने के मामले में किसी बीमारी की अब तक पुष्टि भी नहीं हो पायी है. जो सैंपल भेजे गये हैं उनकी रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लिया जायेगा.

– प्रो एनके झा, स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन, पीयू
पटना : खाद्य सुरक्षा विभाग ने की होटलों के किचेन की जांच
दुकानों में खुले में मांस-मछली बेचने पर कार्रवाई की दी चेतावनी
पटना : बर्ड फ्लू की आशंका के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम होटलों में किचेन की जांच कर रही है. इस कड़ी में एक टीम ने होटल पाटलिपुत्र अशोक व होटल लेमन ट्री में औचक निरीक्षण कर किचेन की जांच की.
साथ ही चिकन, मछली व मटन के नमूने भी देखे. खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि नये साल के जश्न में सभी होटलों व रेस्टोरेंटों में विशेष पार्टी का आयोजन किया गया था. इसमें पहुंचे लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जांच की गयी. जांच लगातार जारी रहेगी.
खुले में रख कर मांस न बेचें दुकानदार : बर्ड फ्लू के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग ने मटन-चिकेन शॉप चलाने वाले दुकानदारों को खुले में मांस-मछली रख कर नहीं बेचने की चेतावनी दी है. ऐसा पाये जाने पर लाइसेंस रद्द किये जाने के साथ ही नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. ग्राहकों को उनके सामने ही मांस-मछली काट कर देना होगा.
पटना : सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बर्ड फ्लू जांच की सुविधा नहीं
पटना : पटना सहित पूरा बिहार इन दिनों बर्ड फ्लू को लेकर हाइ अलर्ट पर है. फ्लू के खतरनाक वायरस से बचने के लिए चिड़ियाघर से लेकर सभी चिकन, मटन दुकानों पर जांच व छापेमारी चल रही है. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बर्ड फ्लू की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है. नतीजा अगर फ्लू से पीड़ित कोई भी मरीज पीएमसीएच जांच कराने आता है, तो उसे लौटना पड़ता है. बर्ड फ्लू की जांच के लिए रियल टाइम पीसीआर मशीन नहीं होने से जांच नहीं हो पा रही है. अस्पताल में सिर्फ टैमी फ्लू दवा की सप्लाइ हुई है.
पुणे से ट्रेनिंग, लेकिन नहीं है मशीन : पीएमसीएच के वायरोलॉजी विभाग में बर्ड फ्लू जांच की सुविधा होनी चाहिए. लेकिन आज तक रियल टाइम पीसीआर मशीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है. हालांकि वायरोलॉ जी विभाग के सभी डॉक्टर व टेक्नीशियन कर्मी पीसीआर मशीन को लेकर पुणे से ट्रेनिंग ले चुके हैं.
एक दिन बाद आती है बर्ड फ्लू की रिपोर्ट : पीएमसीएच वायरोलॉजी विभाग के डॉ भीम राज रॉय ने बताया कि बर्ड फ्लू की जांच करने के लिए मरीज के थूक का सैंपल लिया जाता है. इसी से जांचा जाता है कि वायरल इन्फेक्शन है या नहीं.
मशीन से रिपोर्ट 24 से 30 घंटे के अंदर आ जाती है. मशीन की कीमत 25 से 30 लाख रुपये तक होती है. फिलहाल यह मशीन अगमकुआं स्थित आरएमआरआइ लैब में है. पीएमसीएच वायरोलॉजी विभाग के इंचार्ज डॉ सच्चिदानंद ने कहा कि बर्ड फ्लू की जांच के लिए रियल टाइम पीसीआर मशीन नहीं है. फिलहाल यदि बर्ड फ्लू की आशंका होती है, तो सैंपल जांच के लिए अगमकुआं स्थित आइएमआरआइ भेजा जायेगा.
2015 में पूर्णिया व सीवान जिले आये थे चपेट में
बर्ड फ्लू का वायरस बिहार में साल 2015 में आ चुका है. उस साल प्रदेश के दो जिले पूर्णिया व सीवान चपेट में थे. पूर्णिया में तीन व्यक्ति व सीवान में एक व्यक्ति को बर्ड फ्लू हुआ था. इनमें कुछ मरीजों को बर्ड फ्लू का सेकेंडरी इन्फेक्शन निमोनिया के रूप में हुआ था. लंबे इलाज के बाद मरीज ठीक हुए. हालांकि बर्ड फ्लू से मरीज की मौत की सूचना अभी तक नहीं आयी है.

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