सेना में अहीर रेजीमेंट की मांग की लड़ाई तेज, RJD सांसद ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव नोटिस, …जानें पूरी बात
नयी दिल्ली / पटना : भारतीय सेना में अहीर या यादव रेजीमेंट की मांग जोर पकड़ती जा रही है. एक ओर जहां प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अदालत में भी अहीर रेजीमेंट को लेकर सवाल उठाये गये हैं. अब राजद सांसद जयप्रकाश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को भारतीय […]
नयी दिल्ली / पटना : भारतीय सेना में अहीर या यादव रेजीमेंट की मांग जोर पकड़ती जा रही है. एक ओर जहां प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अदालत में भी अहीर रेजीमेंट को लेकर सवाल उठाये गये हैं. अब राजद सांसद जयप्रकाश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को भारतीय सेना से अहीर या यादव रेजीमेंट के उन्मूलन को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.
RJD MP JP Yadav has given adjournment motion notice in Lok Sabha over the eradication of Ahir or Yadav regiment from the Indian Army. (File pic) pic.twitter.com/atCKcVa0Ng
— ANI (@ANI) January 3, 2019
प्रेजीडेंट बॉडीगार्ड की टीम में वर्ष 1800 में किये गये थे शामिल, बाद में हटा दिया गया
भारतीय सेना में जाति और क्षेत्र आधारित 19 रेजीमेंट बनी हैं. इसके बावजूद सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं किया गया है. इस कारण देश के यादव समाज के करीब 26 करोड़ लोगों में आक्रोश है. इसके अलावा, राष्ट्रपति के अंगरक्षक कहे जानेवाले प्रेजीडेंट बॉडीगार्ड की टीम में वर्ष 1800 में अवध के हिंदू राजपूत और ब्राह्मण के साथ-साथ अहीर को भी शामिल किया गया था. लेकिन, बाद में हटा दिया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा मामला, आठ को होनी है सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट में राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती में सिर्फ तीन जातियों पर ही विचार करने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गयी है. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार और सेना प्रमुख से जवाब मांगा है. जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस संजीव नरुला ने हरियाणा निवासी की याचिका पर रक्षा मंत्रालय, सेना प्रमुख, राष्ट्रपति के अंगरक्षक कमांडेंट और सेना भर्ती के निदेशक को नोटिस जारी किये हैं. मामले की सुनवाई आठ जनवरी, 2019 को होनी तय है.
रेजांग ला युद्ध में अहीर जवानों के गाथा की हो रही चर्चा
अहीर रेजीमेंट की स्थापना को लेकर वर्ष 1962 में रेजांग ला पोस्ट पर हुए युद्ध की चर्चा अहीर समुदाय जोर-शोर से कर रहा है. इस युद्ध में 13 कुमाऊं बटालियन के 124 जवानों में से 114 जवान शहीद हो गये थे. हालांकि, शहीद होने से पहले भारतीय जवानों ने 1300 चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया था. इस कंपनी के अधिकारी को परमवीर चक्र, आठ जवानों को वीर चक्र, चार जवानों को सेना मेडल और एक जवान को मैंशन इन डिस्पेच का सम्मान दिया गया था. साथ ही कमांडिंग अफसर को एवीएसएम से अलंकृत किया था. यह किसी एक कंपनी को एक युद्ध में मिलनेवाला सर्वाधिक पुरस्कार है. मालूम हो कि गिने-चुने अधिकारियों और जवानों को छोड़ कर सभी जवान अहीर समुदाय के ही थे.