पटना : आज निरीक्षण के लिए जायेगी सिनर्जी की टीम

एजेंसी के इंजीनियर और आर्किटेक्ट होंगे टीम में शामिल पटना : शुक्रवार को बिहटा एयरपोर्ट निरीक्षण के लिए सिनर्जी ग्रुप की टीम जायेगी. इसमें इंजीनियर और आर्किटेक्ट शामिल होंगे. एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया ने बताया कि अपने एकदिवसीय दौरे में कसंलटेंट एजेंसी के विशेषज्ञ बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल एनक्लेव के निर्माण का प्रारंभिक रूपरेखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2019 8:47 AM

एजेंसी के इंजीनियर और आर्किटेक्ट होंगे टीम में शामिल

पटना : शुक्रवार को बिहटा एयरपोर्ट निरीक्षण के लिए सिनर्जी ग्रुप की टीम जायेगी. इसमें इंजीनियर और आर्किटेक्ट शामिल होंगे. एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया ने बताया कि अपने एकदिवसीय दौरे में कसंलटेंट एजेंसी के विशेषज्ञ बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल एनक्लेव के निर्माण का प्रारंभिक रूपरेखा तय करेंगे जिस पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इसका अंतिम डिजाइन जल्द तैयार होगा.

विदित हो कि बिहटा एयरपोर्ट का डिजाइन तैयार करने का टेंडर पिछले पखवाड़े में सिनर्जी ग्रुप को दिया गया है. वहां सिविल एनक्लेव का निर्माण इस वर्ष अप्रैल-मई तक शुरू कर दिया जायेगा. पटना एयरपोर्ट की तुलना में वहां तेजी से निर्माण कार्य होगा क्योंकि वहां से वर्तमान में नागरिक विमानों का परिचालन नहीं हो रहा है. अगले तीन वर्षों में उसके प्रथम चरण का निर्माण पूरा कर वहां से उड़ान शुरू कर देने का लक्ष्य है.

प्रथम चरण में बनेगा 25 लाख क्षमता का टर्मिनल : बिहटा एयरपोर्ट पर प्रथम चरण में 25 लाख की सालाना क्षमता वाला एयरपोर्ट बनेगा. बाद के चरण में उसे बढ़ा कर 50 लाख सालाना कर दिया जायेगा.

108 एकड़ में बनेगा सिविल एनक्लेव

बिहटा एयरपोर्ट पर 108 एकड़ में सिविल एनक्लेव बनेगा. इसमें टर्मिनल भवन, पार्किंग, टेक्निकल ब्लॉक, कार्गों और एटीसी टावर शामिल हैं. बिहटा एयरपोर्ट पर स्टेट हैंगर का भी निर्माण होगा. 126 एकड़ अधिगृहीत भूमि में से इसके लिए 18 एकड़ भूमि राज्य सरकार ने अपने पास रखी है. स्टेट हैंगर के अंतर्गत वीवीआइपी लांज और राजकीय हेलिकॉप्टर और विमानों को खड़ा करने के लिए दो या तीन हैंगर का निर्माण किया जायेगा.

नहीं उतरेगा जंबो जेट

बिहटा एयरपोर्ट के रनवे की वर्तमान लंबाई 2700 मीटर है. पटना एयरपोर्ट से लगभग 600 मीटर अधिक लंबा होने के बावजूद बिहटा एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई एयरबस 320 और बोईंग 737 जैसे विमानों के लिए भी पर्याप्त नहीं है. जंबो जेट जैसे बड़े कार्गों विमान 3300 मीटर से छोटे रनवे पर बिल्कुल ही नहीं उतर सकते हैं.

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