पटना : हड़ताल समाप्त, आशा को प्रतिमाह और एक हजार रुपये मिलेंगे

पटना : राज्य में आशा की एक दिसंबर, 2018 से जारी हड़ताल सरकार के साथ वार्ता के बाद सोमवार को समाप्त हो गयी. राज्य की करीब 90 हजार आशा कार्यकर्ता मंगलवार से गांव-गांव में अपनी सेवाएं देना आरंभ कर देंगी. इधर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद हर आशा को प्रति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2019 8:23 AM
पटना : राज्य में आशा की एक दिसंबर, 2018 से जारी हड़ताल सरकार के साथ वार्ता के बाद सोमवार को समाप्त हो गयी. राज्य की करीब 90 हजार आशा कार्यकर्ता मंगलवार से गांव-गांव में अपनी सेवाएं देना आरंभ कर देंगी. इधर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद हर आशा को प्रति माह एक हजार प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. यह राशि जनवरी, 2019 से प्रभावी हो गयी है. इसके अलावा बिहार आयुष्मान योजना के तहत आशा को 100-200 रुपये का मानदेय देनेवाला देश का पहला राज्य बिहार बन गया है.
आशा प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के बाद सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह ने इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि राज्य में 90 हजार आशा कार्यकर्ताओं को कई योजनाओं से जोड़ा जा रहा है.
राज्य सरकार ने अपने कोष से प्रति आशा को एक हजार की राशि अन्य लाभ के अलावा देगी. इससे राज्य के खजाने पर करीब 120 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी आशा को चार योजनाओं के लिए एक हजार की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की है. पूर्व से एनआरएचएम योजना के तहत आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैसिलिटेटर को मानदेय की राशि दी जाती है.
इसमें केंद्र व राज्य सरकार का अनुपात 60:40 का है. आयुष्मान योजना के तहत बिहार पहला राज्य होगा जो अलग-अलग पैकेज पर आशा को प्रोत्साहन राशि देगा. आयुष्मान योजना में कुल 1350 तरह की बीमारियों के इलाज का पैकेज है. इसमें मरीज को पांच हजार से कम पैकेज के इलाज के लिए आशा प्रेरित करती हैं तो उनको प्रति मरीज 100 रुपये जबकि पांच हजार से अधिक के पैकेज के तहत इलाज कराने पर 200 रुपये प्रति मरीज दिया जायेगा.
जून से आशा के खाते में जायेगी राशि : प्रधान सचिव
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक मॉड्यूल तैयार कराया जा रहा है. इसके तहत जून से आशा की सभी राशि सीधे उनके खाते में चली जायेगी.
उन्होंने बताया कि 2005 में एनएचआरएम योजना को अमल में लाने के लिए आशा की नियुक्ति की गयी थी. इनको कुल 52 मद है जिसके तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसमें प्रति आशा को सभी योजना में काम करने पर करीब 3300 रुपये मिलते हैं.
इधर आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि सरकार की ओर से उनको साड़ी तो दी जाती है पर उसके लिए पेटीकोट नहीं मिलता. उनका यह भी कहना था कि टार्च दिया गया तो बिना बैट्री का. अभी तक पश्चिम चंपारण जिले को छोड़कर किसी जिले में साइकिल नहीं वितरित की गयी. उनका आरोप है कि हड़ताल के दौरान छह आशा की मौत हो चुकी है.
इसमें धरना पर बैठी निर्मला देवी (मुजफ्फरपुर), आशा देवी (मुजफ्फरपुर) और शोभा देवी (बेगूसराय) की मौत ठंड से हो गयी जबकि धरना से वापस लौटते वक्त शकुंतला देवी (गोपालगंज) व मीरा देवी (गोपालगंज) और शकुंतला देवी (अररिया) की मौत दुर्घटना में हो गयी. इनको सरकार विशेष रूप से चार लाख से अधिक की आर्थिक सहायता दे.

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