पटना : राज्य में 34,540 शिक्षक नियुक्ति मामले में बचे हुए रिक्त पदों को भरने में हो रही देरी पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आठ अप्रैल तक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है .कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि यदि तय समय सीमा के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी नही होती है, तो आठ अप्रैल के बाद से शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी संबंधित आला अधिकारी एवम भर्ती करनेवाले राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष और सचिव का वेतन रुक जायेगा.
न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने रेणु कुमारी व अन्य द्वारा दायर कई अवमानना याचिकाओं का निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया. गौरतलब है की वर्ष 2013 से रिक्त पदों को भरने की गुहार लगानेवाले रिट याचिकाकर्ताओं को बहाली प्रक्रिया में विचार कर विधिसम्मत करवाई करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 में ही दिया था. उस वक़्त शिक्षक के दो हजार से भी अधिक पद खाली पड़े हुए थे. जब बहाली नही हुए तब संबंधित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. नवंबर 2017 में आयोग ने रिक्त पड़े पदों पर बहाली करने के लिए करवाई शुरू की. इस मामले में हाई कोर्ट की तरफ से कई बार पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद अब तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नही हो सकी है. इसी मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए संबंधित पदाधिकारियों को तीन महीने का समय देते हुए निर्देश दिया कि अगर अदालत द्वारा तय किये गये समय सीमा में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नही की जाती है, तो सभी संबंधित अधिकारियों के वेतन पर रोक लग जायेगा.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 34540 शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने के आदेश के बावजूद बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2213 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. आवेदन लिये जाने और मेधा सूची वेबसाइट पर भी डाल दिये जाने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है. पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शेष बचे हुए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया हर हाल में आठ अप्रैल, 2019 तक बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर ली जाये. आठ अप्रैल, 2019 तक शेष बचे हुए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है, तो शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने तक कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन, सेक्रेटरी समेत बिहार सरकार के संबंधित अधिकारी, शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी और प्राइमरी एजुकेशन के डायरेक्टर के वेतन भुगतान पर रोक रहेगी.