पटना : 30 हजार शिक्षा सेवकों को मिलेगा पीएफ का लाभ

रविशंकर उपाध्याय फरवरी से मिलेगा योजना का लाभ, 13.25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार देगी पटना : राज्य के 30 हजार शिक्षा सेवकों को अब भविष्य निधि यानी प्रोविडेंट फंड का लाभ मिलेगा. इसके लिए 20 हजार शिक्षा सेवकों व 10 हजार तालीमी मरकज के शिक्षा सेवियों का भविष्य निधि खाता खुलेगा. भविष्य निधि का लाभ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2019 8:18 AM
रविशंकर उपाध्याय
फरवरी से मिलेगा योजना का लाभ, 13.25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार देगी
पटना : राज्य के 30 हजार शिक्षा सेवकों को अब भविष्य निधि यानी प्रोविडेंट फंड का लाभ मिलेगा. इसके लिए 20 हजार शिक्षा सेवकों व 10 हजार तालीमी मरकज के शिक्षा सेवियों का भविष्य निधि खाता खुलेगा. भविष्य निधि का लाभ मिलने से इन सभी कर्मियों का भविष्य अब सुरक्षित हो जायेगा. भविष्य निधि खाते में 12.5 फीसदी शिक्षा सेवकों की सैलरी से कटेगी जबकि राज्य सरकार 13.25% हिस्सा देगी. शिक्षा सेवक आठ हजार रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर संविदा के आधार पर कार्यरत हैं.
इस प्रकार हरेक शिक्षा सेवकों को लगभग दो हजार रुपये इपीएफ फंड में जमा होंगे. जनवरी की सैलरी से पीएफ का लाभ उन्हें मिलने लगेगा जो उनके खाते में दस फरवरी को जमा होते हैं. जन शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी 38 जिलों के डीपीओ साक्षरता को संबंधित जिलों के इपीएफ ऑफिस में खाता खोलने की जिम्मेवारी दी है. 26 जनवरी तक सभी शिक्षा सेवकों को पीएफ फॉर्म भर कर अपने जिलों के डीपीओ साक्षरता को जमा कर देना है.
पहले टोला सेवक के नाम से जाने जाते थे शिक्षा सेवक
सेवाकाल में मृत होने पर शिक्षा सेवकों के आश्रितों को चार लाख रुपये की राशि के भुगतान का प्रावधान भी राज्य सरकार द्वारा पहले ही किया जा चुका है.
इसका लाभ भी सेवाकाल में मृत शिक्षा सेवकों के आश्रितों को मिलना शुरू हो गया है अब शिक्षा सेवक भविष्य निधि के लाभ के दायरे में आ गये हैं. पहले शिक्षा सेवकों को टोला सेवक और तालीमी मरकज शिक्षा सेवियों के रूप में जाना जाता था
जिसका नाम बदल कर राज्य सरकार ने शिक्षा सेवक कर दिया है. सभी शिक्षा सेवक राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अति पिछड़ा अक्षर आंचल योजना’ के तहत कार्यरत हैं. यह प्रदेश में साक्षरता की राज्य संपोषित योजना है जिसमें इन समुदायों के छह से चौदह आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालय पहुंचाने-लाने एवं विद्यालय अवधि के बाद उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी भी शिक्षा सेवकों के ही जिम्मे है.
जनवरी से ही पीएफ का लाभ राज्य के कुल 30 हजार शिक्षा सेवकों को मिलेगा. हम सब 31 जनवरी के अंदर सभी का पीएफ खाता खोल देंगे और फरवरी से सभी का अंशदान पीएफ खाते में जमा होने लगेगा. इससे 27500 शिक्षा सेवकों को तुरंत फायदा होगा जबकि 2500 खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया के दौरान ही उनका पीएफ खाता भी खोला जायेगा.
ओमप्रकाश शुक्ला, सहायक निदेशक, जन शिक्षा निदेशालय
इधर शिक्षक नियुक्ति पर हाइकोर्ट सख्त
पटना : राज्य में 34,540 शिक्षक नियुक्ति मामले में बचे हुए रिक्त पदों को भरने में हो रही देरी पर पटना हाइकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आठ अप्रैल तक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया .कोर्ट ने कहा है कि यदि तय समय सीमा के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो आठ अप्रैल के बाद से शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी संबंधित आला अधिकारी एवं भर्ती करने वाले राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष व सचिव का वेतन रुक जायेगा.
न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने रेणु कुमारी व अन्य द्वारा दायर कई अवमानना याचिकाओं का निबटारा करते हुए यह आदेश दिया. मालूम हो कि वर्ष 2013 से रिक्त पदों को भरने की गुहार लगाने वाली रिट याचिकाकर्ताओं को बहाली प्रक्रिया में विचार कर विधिसम्मत कार्रवाई करने का आदेश पटना हाइकोर्ट ने 2015 में ही दिया था . उस समय शिक्षक के दो हजार से भी अधिक पद खाली पड़े हुए थे .
जब बहाली नहीं हुई तब संबंधित शिक्षकों ने हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. नवंबर, 2017 में आयोग ने करीब 2413 रिक्त पड़े पदों पर बहाली करने के लिए कार्रवाई शुरू की. इस मामले में हाइकोर्ट की तरफ से कई बार समय दिये जाने के बावजूद अब तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. इसी मामले में हाइकोर्ट ने पदाधिकारियों को तीन महीने का समय देते हुए निर्देश दिया कि अगर अदालत द्वारा तय समय सीमा में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो सभी संबंधित अधिकारियों के वेतन पर रोक लग जायेगी.

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