गरीब सवर्णों को आरक्षण पर सियासत तेज, एनडीए नेताओं ने विपक्ष पर साधा निशाना, विपक्षी नेताओं ने कहा…

पटना : राज्यसभा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्णों के लिए आरक्षण बिल पेश किये जाने के बीच एनडीए नेताओं ने विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं. मालूम हो कि राज्यसभा में कुछ सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर हंगामा कर रहे हैं. वहीं, कुछ सदस्य बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2019 3:07 PM

पटना : राज्यसभा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्णों के लिए आरक्षण बिल पेश किये जाने के बीच एनडीए नेताओं ने विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं. मालूम हो कि राज्यसभा में कुछ सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर हंगामा कर रहे हैं. वहीं, कुछ सदस्य बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग कर रहे हैं. इधर, बिहार में एनडीए में शामिल दलों के नेता आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण दिये जाने का पक्ष लेते हुए मोदी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया और विपक्षी दलों बिल का विरोध करने पर निशाना साधा, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के नेता बिल को लेकर सवाल उठा रहे हैं.

एनडीए के नेताओं ने विपक्ष पर साधा निशाना

जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा है कि सामान्य श्रेणी के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण का विरोध कर राजद ने साबित कर दिया कि ये कितने गरीबों के हितेषी हैं. अब इनके सामान्य श्रेणी के नेता रघुवंश बाबू , जगता बाबू , तिवारी जी और अन्य लोग क्या जनता के बीच जायेंगे? मनोज झा अब दक्षिणपंथी अधिनायकवाद पर ज्ञान देंगे? साथ ही एक अन्य ट्वीट में उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि लालू जी ने गरीबी देखी हैं, इसलिए अपने परिवार को गरीबी का मुंह नहीं देखने दिया. लेकिन, ऐसी परवरिश तेजस्वी यादव को दी की इनको गरीबों से ही नफरत हो गयी. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे देश में तीन पार्टियों ने विरोध किया. सबसे प्रखर राजद क्यों रही? क्या गरीब मुसलमान, सिख, ईसाई को भूल गये?

जदयू नेता श्याम रजक ने राजद के विरोध करने पर सवर्ण आरक्षण के लिए पहल करने का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि जातीय और आर्थिक आधार की रिपोर्ट जारी कर हिस्सेदारी के आधार पर आरक्षण मिले. वहीं, भाजपा नेता विनोद नारायण झा ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा है कि राजद का तो नारा ही ‘भूरा-बाल’ साफ करने की रही है. जातीय उन्माद और जातीय भेदभाव फैलाना ही जिसका आधार है, उस राजद को भगवान सदबुद्धि दे. जदयू प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर कहा है कि ब्रांडेड कपड़े पहनकर, लंबी-लंबी गाड़ियों से उतर कर, दर्जनों ‘मॉल-माल’ के मालिक बनकर, मिनरल वाटर पीकर जब तेजस्वी यादव कहते हैं- मैं गरीब का बेटा हूं और मैं गरीबों की लड़ाई लड़ने का काम करने का काम कर रहा हूं, तो वाकई समझ नहीं आता, क्या बोलूं.’

अंतिम दिन बिल लाने पर कांग्रेस ने उठाये सवाल, शरद यादव ने करार दिया ‘जुमला’

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा है कि अरुण जेटली ने लोकसभा मे यह तो कहा कि गरीबी पर आधारित गैर आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण कांग्रेस के भी 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में था, मगर यह नहीं बताया कि मोदी जी ने अपने कार्यकाल के अंतिम सत्र के अंतिम दिन यह बिल क्यों पेश किया. अगले सत्र में तो केवल काम चलाऊ बजट ही पास होगा. जबकि, लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया शरद यादव ने ट्वीट कर कहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को चुनाव से पहले संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन संवैधानिक संशोधन विधेयक लाना सिर्फ एक जुमला है. मुझे यकीन है कि देश के लोग इस कार्रवाई के पीछे भाजपा की मंशा को समझ गये होंगे. यह लोकतंत्र का दुरुपयोग है.

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