पटना : बिहार के सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना आपको भारी पड़ सकता है. सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर आपके खिलाफ जेजे एक्ट और कोटपा की धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी. एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने सख्त रवैया अपनाते हुए सूबे के सभी जिलों के पुलिस उपाधीक्षक (हेड क्वार्टर) को चालान काटने और जेजे एक्ट, कोटपा आदि की धाराओं के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं. बिहार पुलिस तंबाकू के खिलाफ सघन अभियान चलायेगी. मालूम हो कि अवयस्कों को तंबाकू बेचने पर एक लाख रुपये जुर्माना अथवा सात साल की सजा का प्रावधान है. वहीं, तंबाकू निर्माता, थोक और खुदरा विक्रेताओं पर भी सख्ती की जायेगी. इसके लिए सभी जिलों को चालान काटने का भी लक्ष्य दिया गया है.
तंबाकू नियंत्रण में राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्थान सीड्स और सीआईडी के संयुक्त तत्वावधान में एपेक्स सभागार मे हुई राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षत करते हुए एडीजी ने सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित कराने को कहा. द यूनियन नयी दिल्ली के वरीय तकनीकी सलाहकार आशीष पांडेय, सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया बिहार में तंबाकू सेवन करनेवालों की संख्या 53.5% से घट कर 25.9% हो गयी है. कार्यशाला में सीआईडी के डीआईजी अशोक कुमार , सभी जिले के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), तंबाकू नियंत्रण के राज्य नोडल पदाधिकार डॉ अजय कुमार शाही, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी एडवर्ड कैनेडी, सुनील कुमार चौधरी, नरेंद्र शाही, धर्मेंद्र सिंह ने हिस्सा लिया.
इस संबंध में सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने कहा है कि यह अभियान पहले से ही जारी है. पुलिस कार्रवाई भी करती है. इसको और प्रभावी करने के लिए सभी जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को गुटखा, पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने के लिए आईपीसी की धाराओं का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.
कोटपा एक्ट की धाराएं और सजा
धारा-4 : सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध
दंड : (1) व्यक्तिगत अपराधी के लिए 200 रुपये तक
(2) स्वामी, प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए : सार्वजनिक स्थानों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना
धारा-5 : सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध
दंड : (1) पहली बार अपराध करने पर दो वर्ष की सजा / एक हजार रुपये जुर्माना
(2) दूसरी बार अपराध करने पर पांच वर्ष की सजा / पांच हजार रुपये जुर्माना
धारा-6 : नाबालिगों और शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध
दंड : 200 रुपये तक जुर्माना
धारा-7, 8,9 : बिना विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनियों के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध
दंड : विनिर्माता के लिए…
(1) पहली बार अपराध करने पर दो वर्ष की सजा / पांच हजार रुपये जुर्माना
(2) दूसरी बार अपराध करने पर पांच वर्ष की सजा / दस हजार रुपये जुर्माना
बिक्री / खुदरा बिक्री के लिए…
(1) पहली बार अपराध करने पर एक वर्ष की सजा / एक हजार रुपये जुर्माना
(2) दूसरी बार अपराध करने पर दो वर्ष की सजा / तीन हजार रुपये की सजा
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 की धाराएं और सजा
धारा-77 : बिना किसी अधिकृत चिकित्सक के आदेश पर सार्वजनिक स्थान पर किशोर उम्र के बच्चों को नशीली शराब या नशीले पदार्थ / मादक औषधि या तंबाकू उत्पाद देना या दिलवाना.
दंड : अपराधी को अधिकतम सात वर्ष की सश्रम कारावास की सजा तथा एक लाख रुपये तक जुर्माना.
धारा-78 : नशीली शराब या नशीले पदार्थ / मादक औषधि के विक्रय, खुदरा खरीद-बिक्री, साथ रखने, आपूर्ति करने या तस्करी में किशोर उम्र के बच्चों का उपयोग करना.
दंड : अपराधी को अधिकतम सात वर्ष की सश्रम कारावास की सजा तथा एक लाख रुपये तक जुर्माना.