मिशन 2019 : एनडीए विरोधी नेताओं का गुबार पड़ा शांत, सीटों की नहीं खुल रही गांठ, प्रत्याशियों की अटकी सांसें
पटना : राज्य की 40 लोकसभा की सीटों की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. एनडीए विरोधी नेताओं का गुबार भी शांत पड़ गया है. शांत नहीं हुई है तो सीटों को लेकर अटकलबाजी का माहौल. लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की सांसें अटकी पड़ी है. एनडीए में तो सीटों की संख्या निर्धारित हो गयी है. […]
पटना : राज्य की 40 लोकसभा की सीटों की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. एनडीए विरोधी नेताओं का गुबार भी शांत पड़ गया है. शांत नहीं हुई है तो सीटों को लेकर अटकलबाजी का माहौल. लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की सांसें अटकी पड़ी है.
एनडीए में तो सीटों की संख्या निर्धारित हो गयी है. महागठबंधन में यथास्थिति बनी हुई है. ये दोनों ही स्थिति प्रत्याशियों को अशांत कर रही है. साथ ही वैसे उम्मीदवार भी जिनको किसी भी दल से टिकट नहीं मिलने की उम्मीद है, वह भी मैदान में आनेवाले दोनों खेमे के प्रत्याशियों के नाम का इंतजार कर रहे हैं.
एनडीए में भाजपा की सीटों में कटौती होनी है और उसे 17 सीटों पर व जदयू को 17 सीटें पर उम्मीदवार उतारना है. रामविलास पासवान को लोजपा की सीटें भी निर्धारित कर दी गयी है.
इधर उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, अरुण कुमार जैसे नेता महागठबंधन का अंग तो बन गये हैं पर सीटों की संख्या का पता नहीं है. कांग्रेस की स्थिति में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. कांग्रेस तो अंत समय में प्रत्याशियों का बदलाव करती है. अहम पेच है कि कौन सीट किसके खाते में जाती है. एनडीए ने बिहार की सीटों की संख्या तय कर एक कदम आगे बढ़ चुकी है.